शराब से जुड़ी छोटी मछलियों का शिकार कर सिंकदंर बनने की कोशिश करना छोड़ दें। *विशेष सेल का हो चुका है गठन, संलिप्तता हई अगर उगागर तो जाएंगे सीधे लाल घर:एसपी*
जिले के बड़े शराब माफियाओं पर अब गाज गिरना तय हो गया है।कल तक छोटे-मोटे शराब कारोबारियों को दबोचकर अपनी पीठ थपथपाने वाले पुलिस पदाधिकारी अब संभल जांंय। मिल रही जानकारी के अनुसार राज्य मुख्यालय के दिशा-निर्देश पर अब बड़े शराब माफियाओं को चिन्ह्ति करने का काम शुरु हो गया है।बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर अब बिहार में शराब का कारोबार होने नहीं दिया जाएगा।जिस पुलिस पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध नजर आएगी,उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना करना होगा।कल तक छोटे-मोटे शराब कारोबारियों को शराब की चंद बोतलों के साथ गिरफ्तार कर वाहवाही लूटने वाले पुलिस पदाधिकारियों को अब शराब कारोबार से जुड़ी छोटी मछलियों की नहीं,अपितु बड़ी मछलियों का शिकार करना ही होगा।हालांकि यह सर्विदित है कि बिना पुलिस की मिलीभगत के इलाके में शराब का कारोबार नहीं हो रहा है।कहा यह भी जा सकता है कि पुलिस के संरक्षण मे ही शराब को कारोबार होता है।कभी-कभी पुलिस पदाधिकारियों को खुश करने के लिए शराब कारोबार से जुड़े छोटे माफियों को गिरफ्तार पुलिस अपनी पीठ थपखपा लेते हैं।या यूं कहे कि वरीय पुलिस पदाधिकारियों के दवाब में आकर कनीय पुलिस पदाधिकारी शराब कारोबार से जुड़ी छोटी मछलियों का शिकार कर वाहवाही लूट ले जा रहे हैं,जबकि कारोबार की बड़ी मछलियां कारोबार के तलाब में लगातार डुबकी लगा रही है।बात अलग है कि चित्रगुप्तनगर के थानाध्यक्ष संजीव कुमार तथा नगर थानाध्यक्ष रामस्वार्थ का दावा है कि उनलोगों के द्वारा शराबियों के साथ-साथ शराबियों के विरुद्ध अभियान चलाया जाता रहा है,जिसका प्रमाण जनता के सामने है।
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