इरशाद अली/खगड़िया ब्यूरो
महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान पर देश के संपूर्ण हिस्सों में युवाओं ने आगे बढ़कर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद किया था।देश की आजादी के लिए आवाज बुलंद कर सभी सड़क पर उतर गए थे।खगड़िया में भी 13 अगस्त 1942 को मानसी के धन्ना-माधव के नेतृत्व में लोग हाथों में तिरंगा झंडा लिए मानसी स्टेशन के सामने अंग्रेजों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।क्रूर अंग्रेज के सिपाहियों ने डराया धमकाया, लेकिन धन्ना-माधव के नेतृत्व ने अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया।उक्त बातें युवा शक्ति के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी ने शहीद धन्ना-माधव के स्मारक पर माल्यार्पण करने के पश्चात उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही।श्री त्यागी ने कहा कि धन्ना-माधव द्वारा लगातार अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया जा रहा था।अंग्रेज के सिपाहियों द्वारा लाख डराने के बाद भी जब वह नहीं माने तो अंग्रेज के सिपाहियों ने भीड़ पर गोली चला दी।जिसमें धन्ना-माधव शहीद हो गए।धन्ना-माधव ने सीने पर गोली खाकर अपनी आहुति देश की आजादी के लिए दे दी।उन्होंने यह भी कहा कि,लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि,लोग महापुरुषों की शहादत को उनकी शहादत दिवस पर ही याद करते हैं।लेकिन,जिन महापुरुषों के कारण हम लोगों को आजादी मिली,उन महापुरुषों को सदैव याद करते रहने की जरुरत है।
मौके पर उपस्थित नगर पंचायत मानसी के उपाध्यक्ष पप्पू कुमार सुमन,धन्ना-माधव स्मारक समिति के सचिव सह सामाजिक कार्यकर्ता अभय कुमार गुड्डू और हीरानंद सिंह ने कहा कि देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलाने के लिए अमर शहीद धन्ना-माधव जी ने संघर्ष पथ पर चलकर अपने प्राण को न्यौछावर किया,जिसे सदियों तक भूलाया नहीं जा सकता है।आज हमलोग आजाद भारत में जीवन यापन कर रहे हैं,इसका श्रेय उन आजादी के दीवानों को जाता है, जो देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हो गए।
उन्होंने कहा कि धन्ना-माधव के अगली शहादत दिवस पर मानसी में भव्य प्रभात फेरी निकाल कर लोगों को धन्ना-माधव के क्रांति की गाथा से अवगत कराया जाएगा।वहीं अपने संबोधन में रालोजद के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह,पप्पू यादव,पश्चिमी ठाठा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ओम यादव,रमाशंकर सिंह,विजय कुमार सिंह,धर्मेंद्र पोद्दार तथा रूपेश रंजन ने कहा कि वर्तमान समय में देश के आजादी में बलिदान देने वालों को लोग भूलते जा रहे हैं, यह समाजिक रुप से दुर्भाग्यपूर्ण है।जिसने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया,उन्हें हम सब याद नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से समाज में सामाजिक कार्यकर्ता का घोर अभाव हो जाएगा।
उन्होंने संकल्प लेते हुए कहा कि जब तक हम धरती पर रहेंगे,तब तक सभी आजादी के क्रांतिकारी शहीदों को याद करते रहेंगे।इस अवसर पर रोहित कुमार रावत ने शहीद धन्ना-माधव स्मारक पर शेड निर्माण के लिए पांच हजार रुपए सहयोग करने की घोषणा की।इस मौके पर अमन कुमार राजपूत,चंदन कुमार रजक,सरोज कुमार सहित कई सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।