रेशु रंजन/खगड़िया
शिक्षक दिवस के दिन अर्थात 5 सितम्बर को एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था,वहीं खगड़िया जिले के चर्चित शिक्षक नेता रविश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।बताया जा रहा है कि शिक्षक रविश कुमार को परबत्ता थाना अंतर्गत खीराडीह में बीते 19 अगस्त को घटित मारपीट के एक मामले (389/23)में गिरफ्तार किया गया है।खीराडीह निवासी विशेश्वर यादव के पुत्र राजेश कुमार द्वारा गांव के ही नंदकिशोर यादव के पुत्र रविश कुमार,उनके भाई तथा पिता सहित चार लोगों के विरुद्ध मारपीट और गोली फायर करने का आरोप लगाया गया था।इतना ही नहीं,अन्य गंभीर आरोप भी लगाए गए थे।परबत्ता थाना में दर्ज इसी मामले के प्राथमिकी अभियुक्त सह शिक्षक नेता रविश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की प्रक्रिया तो अपनाई गयी,लेकिन कोर्ट में मामला इसलिए अटक गया,क्योंकि न ही हथियार बरामदगी दिखाई गयी और न ही जख्मी का कोई इंज्युरी रिपोर्ट एफआईआर का साथ संलग्न था।
बताया जा रहा है कि उनके विपक्षी द्वारा मारपीट,छिनतई समेत लगाए गए कई अन्य मामले में आरोपी ठहराते हुए रविश कुमार की गिरफ्तारी हुई है।स्थानीय पुलिस द्वारा मंगलवार अर्थात शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षक नेता रविश कुमार की गिरफ्तारी कर ली गई थी और कागजी प्रक्रिया पूरी कर बुधवार को परबत्ता थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल की मौजूदगी में पुलिस बल के सहयोग से खगड़िया न्यायालय भेजा गया था।थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि बीते अगस्त माह में खीराडीह गांव निवासी एक शिक्षिका के पति राजेश कुमार द्वारा उनके विरुद्ध मामला दर्ज करायी प्राथमिकी के आलोक में रवीश कुमार को गिरफ्तार किया गया है।थानेदार ने यह भी कहा था कि दर्ज मामला प्रथमदृष्टया सत्य पाया गया।जिसके आधार पर गिरफ्तारी की गई है।दर्ज मामले में विपक्षी द्वारा मारपीट, छिनतई समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं।
इधर सूत्रों की माने तो खीराडीह गांव में शिक्षक रवीश कुमार और एक शिक्षिका के पति राजेश कुमार के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे हैं।स्थानीय लोगों द्वारा पूरे मामले को आपसी वर्चस्व का नतीजा बताया जा रहा है।पुलिस की गिरफ्त में फंसे शिक्षक रवीश कुमार ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।मेरे ऊपर लगाए गए तमाम आरोप निराधार हैं।शिक्षक रविश कुमार की पत्नी विनीता कुमारी ने भी परबत्ता के एक बहुचर्चित वाट्सऐप ग्रुप पर पोस्ट डालकर कहा है कि मेरे पति को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।विद्यालय जाने के क्रम में रेखा कुमारी नामक शिक्षिका के पति राजेश कुमार ने जबरदस्ती मोटरसाइकिल सहित मोबाइल छीना एवं परबत्ता थाना (कांड संख्या- 389/2023)दर्ज कराया।उसके बाद जबरदस्ती पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।जबकि रविश कुमार को पकड़ाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध परबत्ता थाना में (कांड संख्या- 390/2023)दर्ज है।कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा मेरे पति को फंसाने में इसलिए रुची ली गयी,क्योंकि मेरे पति का एक साल में चार बार स्थानांतरण किया गया।लेकिन न्यायालय ने सभी को निरस्त कर दिया।जिसके चलते स्थानीय नेता की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी।नतीजतन बिना कुछ किए परबत्ता थाना में मेरे पति के विरुद्ध फर्जी केस करवाया गया।
पूरे मामले की सच्चाई क्या है,यह तो गहन जांच का विषय है।लेकिन मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि,शिक्षक नेता रवीश कुमार को परबत्ता थाना प्रभारी द्वारा आज न्यायालय तो भेजा गया,लेकिन जज साहब ने शिक्षक नेता रविश कुमार को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बजाय यह कहकर उन्हें वापस थाना भेज दिया कि एफआईआर के साथ न ही जख्म प्रतिवेदन संलग्न है और न ही अवैध हथियार के संदर्भ में कोई तथ्यात्मक तर्क है।परबत्ता पुलिस द्वारा शिक्षक नेता रवीश कुमार को वापस परबत्ता थाना लाया गया है।शिक्षक रवीश कुमार के परिजनों की बातों पर अगर विश्वास करें,तो कोर्ट के जज साहब ने यह कहकर रवीश कुमार को वापस थाना भेज दिया कि रवीश कुमार के विरुद्ध FIR में आर्म्स एक्ट की धारा तो लगायी गयी है,लेकिन उसमें बरामद की गई सूची में किसी भी अवैध हथियार की चर्चा नहीं है।इतना ही नहीं,इंज्युरी रिपोर्ट भी संलग्न नहीं है।दूसरी तरफ शिक्षक रविश कुमार के परिवार जनों द्वारा एक वीडियो वायरल हो रहा है,जिसमें परबत्ता थाना में दर्ज मामले का अभियुक्त पुलिस के साथ घूमता नजर आ रहा है।
बहरहाल,आगे-आगे होता क्या है,यह तो देखने वाली बात होगी। लेकिन इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है और जितनी मुंह,उतनी बातें हो रही है।