इरशाद अली/खगड़िया ब्यूरो
जिले के गोगरी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रेफरल अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर अभिषेक आनंद के साथ बीते दो दिनों पूर्व जदयू नेताओं द्वारा बदसलूकी और जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है।पुलिस के द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद जांच की आंच कहां तक पहुंची,यह तो पुलिस प्रशासन ही जाने।लेकिन बिहार राज्य स्वास्थ्य संघ के सदस्य आज गोगरी रेफरल अस्पताल पहुंचे और दो दिन पहले हुए चिकित्सक के साथ जदयू के प्रखंड अध्यक्ष,युवा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष सहित तीन लोगों द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार की जानकारी ली।पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद संघ के सदस्यों ने गहरी नाराजगी प्रकट की।शुक्रवार को आई टीम के साथ राज्य संयुक्त सचिव डॉ अभिषेक आनंद,जिला सचिव नरेंद्र प्रताप,रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ चंद्रप्रकाश, डॉ शोभा रानी सहित कई चिकित्सकों की मौजूदगी में संघ के सदस्यों ने गोगरी थानाध्यक्ष से भी मुलाकात की और आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द करने की मांग की।
इस दौरान संघ के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार ने आक्रोशित लहजे में कहा कि जब चिकित्सक ही सुरक्षित नहीं रहेंगे,तो रोगियों का इलाज कैसे होगा!आरोपियों के विरुद्ध अगर कठोर कार्रवाई नहीं की गयी तो आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।इतना ही नहीं,आरोपियों की जल्द से जल्द से अगर गिरफतारी नहीं हुई तो कार्य का बहिष्कार भी किया जा सकता है।यह भी गारंटी देनी होगी कि डॉक्टर यहां सुरक्षित हैं।उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को धरती का भगवान माना जाता है।लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा भगवान से ही गाली गलौज और झगड़ा किया जाता है।बावजूद इसके चिकित्सक द्वारा कई बातो को नजरअंदाज भी कर दिया जाता है।लेकिन जब सिर से पानी उपर हो जाता है,तब एक्शन लेने पर मजबूर होना पड़ता है।
बताते चलें कि दो दिन पहले चिकित्सक अभिषेक आनंद ने गोगरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि वह इमरजेंसी ड्यूटी में थे।इसी बीच गोगरी थाना अंतर्गत कुर्मी टोला निवासी मायाराम मंडल,विनय कुमार रौशन और निर्मल कुमार सिंह आ धमके और गाली गलौज शुरु कर दिया।जब उन्होंने गाली देने से मना किया तो सभी जान मारने की धमकी देने लगे।डॉक्टर कक्ष में हंगामा होता देखकर जब सभी स्वास्थ्य कर्मी जुटने लगे तो तीनों फरार हो गए।चिकित्सक अभिषेक आनंद द्वारा गोगरी थाना में दिए गए आवेदन के आलोक में थानाध्यक्ष रंजीत कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरु कर दी गयी थी।
बहरहाल,पुलिसिया जांच में मामला सत्य पाया गया या नहीं!और अगर सत्य पाया गया तो दोषियों के विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई होगी!क्या मामले की जांच अभी चल ही रही है या जांच में मामला असत्य पाया गया है।मामला अगर सत्य या असत्य पाया गया है तो फिर क्या होगा,इस पर सबकी नजर है।