रेशु रंजन/खगड़िया
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षा व्यवस्था में एक तरफ सुधार के नाम पर तरह-तरह का अभियान चला रहे हैं,वहीं कई विद्यालय में अगर बेंच-डेस्क और क्लास रुम है तो बच्चे नहीं आते हैं और कहीं बच्चों की अच्छी उपस्थिति रहती है तो शिक्षकों का अभाव है।नतीजतन शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चलती है।अन्य स्कूलों की बातों को कुछ देर के लिए नजरअंदाज कर अगर हम जिले के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कैंजरी पंचायत के तिरासी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय तिरासी की करें तो यहां पठन पाठन व्यवस्था में ग्रहण लगा हुआ है।इस विद्यालय में शिक्षक की बेहद कमी तो है ही,प्रधानाध्यापक भी छुट्टी लेकर मौज करने में मस्त रहते हैं।
बताया जाता है कि इस प्राथमिक विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या तो 266 है,लेकिन उपस्थित होने वाले बच्चों की संख्या महज 120के आसपास रहती है।उक्त विद्यालय में दो सहायक शिक्षक एवं एक प्रधानाध्यापक सहित कुल तीन शिक्षण कार्य करते हैं।हालांकि प्रधानाध्यापक अक्सर छुट्टी लेकर मदमस्त रहते हैं।लेकिन सुखद पहलू यह है कि उक्त विद्यालय में शिक्षकों की कमी को देखते हुए विद्यालय की शिक्षिका के पति भी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।वैसे टेबल और डेस्क की कमी के कारण चार एवं पांच कक्ष के छात्र- छात्रा जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।विद्यालय का भवन रहते हुए भी एक ही क्लास रुम में चार एवं पांच वर्ग के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है।
विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को विषय वार पढ़ा पाना संभव नहीं हो पाता है।शिक्षकों का कहना है कि केके पाठक द्वारा फरमान जारी करते हुए शिक्षकों से कहा जाता है कि विद्यालय में सही समय पर पहुंचे और बच्चों को ससमय शिक्षा दें।उनके फरमान के बाद विद्यालय में सुधार तो हुआ है,लेकिन यहां शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे गिर रहा है।यद्यपि सभी विषयों की पढ़ाई होती तो बच्चे का भविष्य सुनहरा होता।विद्यालय में मेनू के अनुसार छात्रा-छात्राओं को सही रूप से मध्यान्ह भोजन नहीं मिल पा रहा है।आज बुधवार को उक्त विद्यालय में छात्र-छात्राओं को खिचड़ी-चोखा दिया जा रहा था।लेकिन बच्चों की थाली से हरी सब्जी गायब पाई गई।इधर स्थानीय लोगों ने बताया कि केके पाठक के फरमान की अनदेखी कर प्राथमिक विद्यालय शेरवासा के प्रधानाध्यापक विद्यालय में ताला जड़कर समय से पहले फरार हो गए।उक्त विद्यालय में जब मीडिया की टीम पहुंची तो विद्यालय 2:30 में ताला लगा हुआ था।जबकि विद्यालय में सभी शिक्षकों का 4:00 बजे तक रहना अनिवार्य है।बताया जाता है कि उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक मध्यान्ह भोजन खिलाने के बाद बच्चों को छुट्टी देकर घर चले जाते हैं।