रेशु रंजन/खगड़िया
आखिर कब तक अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर की जमीन पर भू-माफिया और सफेदपोशों का कब्जा कायम रहेगा!जब बीते 17 मार्च 2023 को सदर प्रखंड अंतर्गत रहीमपुर स्थित महाविद्यालय के प्रांगण में सदर एसडीओ सह अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित भू- प्रबंधन की बैठक में महाविद्यालय की जमीन का सीमांकन कराकर खुली डाक के माध्यम से जमीन की बंदोबस्ती का निर्णय लिया गया था,तो फिर ससमय उक्त निर्णय पर पहल कर जमीन का सीमांकन क्यों नहीं कराया गया!सवाल तो अनगिनत उठ रहे हैं, लेकिन जो सवाल मुंह बाए खड़ा है,वह यह कि आखिर क्यों भू-माफिया और सफेदपोशों के हाथों महाविद्यालय की जमीन को गिरवी रखा जा रहा है।उक्त बातें जाप के खगड़िया जिलाध्यक्ष कृष्णा नन्द यादव ने एसडीएफ लाइव इंडिया से खास बातचीत करते हुए कही।उन्होंने भू-माफिया,सफेदपोश और भू-प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया की मिलीभगत से अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर खगड़िया की भू संपदा की हो रही लूट खसोट पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि,लगातार कई वर्षों से जिले के विभिन्न राजनीतिक दल के लोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जिलाधिकारी और सदर अनुमंडल पदाधिकारी से महाविद्यालय के जमीन की बंदोबस्ती खुली डाक से कराने की मांग की जाती रही है।बावजूद इसके महाविद्यालय के जमीन की बंदोबस्ती में भ्रष्टाचार की गंगा बहाकर मनमाने तरीके से वास्तविक किसानों को जमीन से वंचित रखना और सफेदपोश व भू-माफियाओं के हाथों महाविद्यालय की जमीन को गिरवी रखना कहां तक उचित है!
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की भू-संपदा के लिए खुली डाक के माध्यम से बंदोबस्ती करने से महाविद्यालय और जिले के वास्तविक किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा।इतना ही नहीं, भू-माफियाओं को महाविद्यालय की जमीन से बेदखल होना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि, महाविद्यालय के भूदाता अवध बिहारी चौधरी का भी यही सपना था कि महाविद्यालय की जमीन पर किसान खेती करें और महाविद्यालय को अधिक से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो।साथ ही महाविद्यालय के छात्रावास में रह रहे बच्चों को नि:शुल्क सभी सुविधाएं आजीवन मिलती रहे।लेकिन भू- माफियाओं के तांडव ने जमीन दाता अवध बिहारी चौधरी और महाविद्यालय के छात्रावास में पढ़ रहे जिले के गरीब छात्रों के सपना को चकनाचूर कर दिया।श्री यादव ने कहा कि आखिर किस लोभ में भू-प्रबंधन समिति महाविद्यालय की जमीन की खुली डाक कराने के बजाय महज पांच हजार रुपए प्रति बीघा के दर पर भू-माफिया और सफेदपोशों के हाथों गिरवी रख रही है।जिस जमीन से बीस हजार रुपए प्रति बीघा महाविद्यालय को मिलेगा,उस जमीन को महज पांच हजार रुपए बीघा के दर पर बंदोबस्त करना आखिर कहां तक उचित है!जिलाध्यक्ष ने कहा कि आज एक-दो लोग अनुमंडल पदाधिकारी,खगड़िया सह अध्यक्ष के गुणगान में लगे हैं।वास्तव में उनका मकसद महाविद्यालय का कल्याण नहीं है,बल्कि दहमा मौजा स्थित सैकड़ों बीघा जमीन पर उनकी गिद्ध दृष्टि है,जो कभी पूरा नहीं होगा।
जिलाधिकारी खगड़िया से जांचोपरांत कार्रवाई की मांग करते हुए श्री यादव ने कहा कि, एसडीओ द्वारा एक ही जमीन की बंदोबस्ती दो-दो भू-माफिया गिरोह के नाम कैसे कर दिया गया है!निश्चित तौर पर बंदोबस्ती के नाम पर लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है।बंदोबस्ती सूची देखने से ही सब स्पष्ट हो जाता है कि और सुलगता सवाल यह है कि, लगातार सीरियल से आवेदन लेने वाले व्यक्ति के नाम का ही आखिर क्यों चयन किया गया है?इसलिए एसडीओ द्वारा मनमाफिक लोगों को दी गई बंदोबस्ती को रद्द किया जाए।महाविद्यालय की भू-संपदा की हो रहे लूट खसोट और उसे सुरक्षित करने हेतु सभी 1035 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती खुली डाक के माध्यम से करायी जाय,ताकि महाविद्यालय की जमीन किसी भू-माफिया के हाथों जाने से बच सके और जिले के वास्तविक किसानों को महाविद्यालय की जमीन मिले।उन्होंने कहा कि भू-प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह एसडीओ द्वारा किए गए कुकृत्य सर्वविदित हो चुके हैं।इतना ही नहीं,महाविद्यालय के प्राचार्य ने यहां तक बोल दिया कि एसडीओ उनसे कब किस कागजात पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं,उन्हें पता भी नहीं चलता है।आखिर ऐसी परिस्थिति कायम रही तो आगे क्या होगा,उसका अंदाज लगाना भी भयावह है।जाप जिलाध्यक्ष ने कहा कि,यदि शीघ्र ही भ्रष्टाचार युक्त बंदोबस्ती को रद्द कर खुली डाक की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई,तो जन अधिकार पार्टी (लो.) इस कुकृत्य के खिलाफ सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हो जाएगी।