सरकार बन रही कोप का शिकार,पप्पू यादव की गिरफ्तारी कहीं सरकार पर पड़ न जाय भारी!जनाक्रोश चरम पर,उठ रहे सवाल: किसको सुनाएं..कौन सुनेगा.. जरुरतमंदों की दुखभरी!! कहानी!
* राजेश सिन्हा
बाढ़ हो,सुखाड़ हो या कोई गंभीर रुप से बीमार हो, मधेपुरा के पूर्व सांसद सह जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव आम लोगों की मदद के मामले में मौजूद नहीं हों,ऐसा संभव हो ही नहीं सकता।आम जनों के सुख-दु:ख का साथी बनकर पप्पू यादव ने जरुरतमंद लोगों के दिलों में यही छवि बना ली है।कोरोना काल के पहले बाढ़ सहित अन्य मामले में आम जनों के लिए उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों का उल्लेख्य नहीं भी करते हुए अगर कोरोना काल की ही बात करें,तो आमजनों के बीच वह मसीहा बनकर उभरे हैं।ऐसी परिस्थितियों में सर्वप्रिय बन चुके राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गिरफ्तार किया जाना नीतीश सरकार पर कितनी भारी पड़ेगा,इस पर तो बाद में विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।लेकिन इतना तय है कि सबके दिलों में फिलवक्त एक बड़ी छवि बना चुके सुपौल की पूर्व सांसद रंजीत रंजन के पति सर्वप्रिय पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गिरफ्तार कर नीतीश सरकार ने नई मुसीबत मोल ले ली है।उग्र समर्थकों द्वारा सड़कों पर आवाज बुलंद किया जा रहा है,तो सोशल मीडिया पर घमासान सा मचा हुआ है।अधिसंख्य लोग पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए नीतीश सरकार को कोसने में लगे हैं।दलीय सीमाओं को लांघकर कई कद्दावर व अन्य जगहों के स्थानीय नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जा रहा है।लगभग सभी लोगों द्वारा नीतीश सरकार को काफी भला बुरा कहा जा रहा है।एक पुराने मामले में मधेपुरा व्यवहार न्यायालय द्वारा मार्च माह में जारी वारंट के आधार पर उन्हें पटना के गांधी मैदान थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर मधेपुरा लाया गया है।हालांकि पप्पू यादव द्वारा इस कोरोना काल के उल्लंघन मामलों में विभिन्न धाराओं के तहत गांधीनगर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था इस कोरोना काल में न्यायाधीश के द्वारा क्या फैसला लिया जाता है,उस पर सभी की नजरें टिकी हुई है। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> दूसरी तरफ युवा शक्ति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी ने जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पप्पू यादव जी इस वैश्विक महामारी में जरुरतमंदों के लिए यथासंभव खड़ा होने का काम कर रहे थे।इंसान और इंसानियत को बचाने के लिए किसी भी सीमा तक जा रहे थे।अब दूसरा पप्पू यादव कौन बनेगा?किसके पास पीड़ित व्यक्ति बेहिचक मदद की फरियाद करेंगे।सरकारी अथवा प्राइवेट अस्पतालों में अपनों की जान बचाने को ले दर-दर भटक रहे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कौन कराएगा!त्याग के प्रतिमूर्ति कहे जाने वाले खगड़िया के लाल नागेन्द्र सिंह त्यागी ने मार्मिक अंदाज में कहा कि ऑक्सीजन के अभाव में तड़प रहे मरीज की जिंदगी बचाने के लिए सिलेंडर पहुंचाने का कौन करेगा!जिंदगी और मौत से लड़ रहे लोगों के परिजनों के लिए भाई और बेटा बनकर कौन मदद करेगा! >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> कहते-कहते युवा शक्ति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री त्यागी आक्रोशित हो जाते हैं और कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संवेदनहीन इंसान हैं। वह सुशासन की सरकार पर बरसते हुए कहते हैं कि एक तरफ सरकारी एंबुलेंस का घोटाला करने वालों को कुर्सी दी जाती है वहीं जरुरमंदों की सेवा करने में अपनी जिंदगी होम करने को आतुर हो गए इंसान को जलील किया जा रहा है।उन्होंने गंभीर लफ्जों में कहा कि भाजपा सांसद के काले कारनामों को उजागर करने वाले को जेल की सलाखों के पीछे करने का षडयंत्र रचा गया।उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यही सुशासन है।श्री त्यागी ने कहा कि सरकारी कुव्यवस्था का पोल खोलना और प्राइवेट अस्पतालों में बरती जा रही मनमानी पर लगाम लगाया जाना सरकार को नागवार लग गया।सरकार अपनी कमी छुपाने के लिए पप्पू यादव को जेल भेज रही है। श्री त्यागी ने भाजपा को भी इस षड्यंत्र में शामिल बताया और आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जी को बिना किसी ठोस प्रमाणिकता के जेल भेज दिया गया,उसी तरह पप्पू यादव को भी प्रताड़ित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि शोषित पीड़ित का आवाज बनने वाले लालू यादव मसीहा न बने,इसलिए उनको जेल भेजा गया था।आज उसी तरह का षड्यंत्र पप्पू यादव जी के साथ भाजपा ने रच कर जेल भेजने का काम किया है।उन्होंने दो टूक लहजे में राजग सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यही हिटलरशाही रवैया ही डबल इंजन सरकार के लिए कब्र खोदने का काम करेगा। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> दूसरी तरफ बिहार सरकार में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तथा ‘हम’के सुप्रीमो जीतन राम मांझी के साथ विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने भी पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी को दुर्भाग़्यपूर्ण बताते हुए कहीं न कहीं अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी ने भी सरकार को नसीहत देते हुए गिरफ्तारी की आलोचना की है।बात अलग है कि कुछ ने आलोचना के क्रम में पप्पू यादव का नाम लिया है,तो कुछ कद्दावर नेताओं ने पप्पू यादव का नाम लिए बगैर गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए नीतीश सरकार को कोसा है।बहरहाल,इतना तय है कि पप्पू यादव की गिरफ्तारी ने इस कोरोना काल में बिहार का राजनीतिक पारा परवान पर ला दिया है और लगभग सभी के सभी पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर अपने-अपने अंदाज में जोड़-घटाव कर रहे हैं। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
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