खगड़िया:प्रत्याशियों सहित विभिन्न पार्टियों के द्वारा एक तरफ विकास का सब्जबाग दिखाया जा रहा है,वहीं विकास की रोशनी से दूर कुछ इलाके के लोग विकास की झलक देखने के लिए लालायित हैं।स्थिति यह है कि चुनाव के समय उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन तो मिलता है,लेकिन जीत का ताज मिलते ही नेताजी अपने वादे से मुंह मोड़ लेते हैं।नेताजी द्वारा उपेक्षा किए जाने से नाराज लोग इस बार के लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का ऐलान कर रहे हैं।
वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जन जागरुकता अभियान चला रहे हाकिम नाराज लोगों को किस तरह मनाते हैं,यह तो देखने वाली बात होगी।लेकिन खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड मुख्यालय से लेकर सकरोहर गांव तक की जर्जर सड़क लोगों को मुंह चिढ़ा रही है और गांव में घूम-घूमकर लोगों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।
सड़क से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों सहित नेताओं से अनुरोध किए जाने के बावजूद समस्याएं यथावत रहने के कारण नाराज लोगों का अब स्पष्ट कहना है कि उन लोगों की समस्याओं का निराकरण होने तक वह लोग मतदान नहीं करेंगे।
हालांकि लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का ऐलान किए जाने से प्रत्याशी पेशोपेश में हैं और प्रबुद्धजनों का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा वोट बहिष्कार का निर्णय लेने से प्रत्याशियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में झंझारपुर,सुपौल,अररिया और मधेपुरा के साथ-साथ खगड़िया में भी आगामी सात मई को मतदान होना है।एक तरफ जहां सभी सियासी दल अपने-अपने लिए एक-एक वोट बटोरने में दिन रात लगा है तो वहीं खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में जनता ने चुनाव के बहिष्कार का फैसला सुना दिया है।
खगड़िया लोकसभा अंतर्गत बेलदौर थाना क्षेत्र के सकरोहर गांव में आंदोलित दिख रहे सैकड़ों ग्रामीणों ने आज शानिवार को इस बार के लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि वोट बहिष्कार करने का निर्णय लेने वालों में सिर्फ युवा व नौजवान ही नहीं हैं,बल्कि पूरे क्षेत्र की महिला और बुजुर्ग भी शामिल हैं।स्थानीय लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि दस साल से अभी तक बेलदौर प्रखंड मुख्यालय होकर सकरोहर गांव जाने वाली सड़क जर्जर हालत में है।स्थिति यह है कि जब कभी इलाके में बाढ़ या हल्की सी बारिश हो जाती है तो सकरोहर गांव जलमग्न हो जाता है।
बाढ़ या बारिश का मौसम नहीं भी हो तब भी किसी भी काम से बाजार या अन्यत्र जाने वाले लोग तो हर रोज अपनी जान को जोखिम में डालकर जर्जर सड़क पर सफर करते हैं।व्यथित स्वर में यहां के लोग कहते हैं कि,बच्चों को चाहे विद्यालय जाना-आना हो या लोगों को अस्पताल जाना हो, जर्जर सड़क से गुजरना बहुत बड़ी मजबूरी हो जाती है।
ग्रामीणों ने पत्रकारों को यह भी बताया कि गांव में विद्युत विभाग का पावर सब स्टेशन रहते हुए भी यहां के लोगों को सही से बिजली नहीं मिल पाती है।जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।स्थानीय लोगों ने कहा कि अधिकारियों और नेताओं का चक्कर लगा-लगाकर वह लोग थक गए हैं।कुछ दिनों पूर्व खगड़िया के निर्वतमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने यहां के लोगों को समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था।लेकिन फलाफल शून्य ही रहा है।जिसके कारण उन लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि सकरोहर गांव के लोगों की समस्याएं ज्यों की त्यों रह जाती है या उनकी समस्याओं का निराकरण कर सरकारी हाकिम नाराज लोगों को मनाते हुए मतदान के लिए प्रेरित करते हैं!!
रेशु रंजन की रिपोर्ट