पटना:बिहार में बीते 20 अगस्त से जमीनों के सर्वे का काम शुरु चुका है,लेकिन विभिन्न कारणों से सर्वे का कार्य बाधित होने की संभावना बलवती होती जा रही है।हालांकि जमीन के सर्वे का कार्य शुरू होने के साथ ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे थे।जमीन के दस्तावेज जुटाने में लोगों के पसीने तो छूट रहे ही हैं, प्रखंड और जिला कार्यालयों का चक्कर लगा रहे लोगों के मन में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश भी गहराता नजर आ रहा है।
इस बीच खबर मिल रही है कि जमीन सर्वे को लेकर पार्टी नेताओं से मिले फीडबैक के बाद सरकार इसे कुछ महीनों के लिए टालने पर विचार कर रही है। सीएम किसी भी वक्त इसको लेकर फैसला ले सकते हैं।बताया जा रहा है कि जमीन सर्वे को लेकर लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार इसे टालने पर विचार कर सकती है।
इतना ही नहीं,सरकार को मिले फीडबैक के आधार पर जमीन सर्वे के फैसले को वापस भी लिया जा सकता है।जमीन सर्वे को लेकर लोगों को हो रही भारी परेशानी के कारण सरकार के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
स्थिति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सत्ताधारी गठबंधन का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।ऐसे में जेडीयू और बीजेपी के भीतर इसको लेकर मंथन चल रहा है।जानकारी के मुताबिक,बीजेपी और जेडीयू के नेताओं और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जमीन सर्वे से लोगों को हो रही परेशानी से अवगत कराया है।सत्ताधारी दल के नेताओं ने मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी है कि जमीन सर्वे के कारण सरकार के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है और विधानसभा चुनाव में इसका बुरा असर पड़ सकता है।
ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार बैकफुट पर जाने को विवश हो सकती है और जमीन सर्वे को या तो कुछ महीनों के लिए टाल सकती है या फिर इसको वापस भी ले सकती है।बस,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर अंतिम निर्णय लेना है।
वैसे,बिहार में जमीनों के सर्वे का काम शुरू होने के साथ ही लोगों के मन में यह डर है कि जिस जमीन पर वह वर्षों से रह रहे हैं और जिसे कई कई पुस्तों से जोत रहे हैं,वह छीनी जा सकती है।बात अलग है कि बीते दिनों राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने संशय को दूर करते हुए कहा था कि जमीन का सर्वे लोगों को राहत देने के लिए किया जा रहा है ना कि उनकी जमीन छीनने के लिए।
इससे पहले,जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जमीन सर्वे को नीतीश सरकार के ताबूत की आखिरी कील बताया था और कहा था कि जाते-जाते नीतीश कुमार ने ऐसी गलती कर दी है कि बिहार के लोग झाड़ू मारकर उन्हें भगाने का काम करेंगे।बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि जमीन सर्वे के मामले में आगे-आगे होता है क्या??
रिपोर्ट:मोहम्मद साजिद सुलेमानी