पत्रकार पर दबंगों ने ढ़ाया सितम,जानलेवा हमला मामले में एनजेए ने लिया संज्ञान,महिला प्रदेश अध्यक्ष पूजा मिश्रा ने कहा-क्या आंदोलन के लिए होना पड़ेगा बाध्य*
पटना:बिहार के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा कोरोना से उत्पन्न हुए इन विकट परिस्थितियों के बीच भले ही पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया गया हो,लेकिन अपनी जान को हथेली पर रखकर काम करने वाले पत्रकारों पर सितम ढ़ाए जाने का सिलसिला थमा नहीं है।हालात यह है कि समाज के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अक्सर पत्रकारों पर जुल्म तो ढ़ाया ही जाता है,पुलिस भी पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने से बाज नहीं आती है।अन्य मामलों को कुछ देर के लिए दरकिनार कर अगर हाल के दिनों की बात की जाय,तो अररिया जिले के भरगामा में ‘सन्मार्ग’दैनिक अखबार के पत्रकार अंकित सिंह पर बीते 12 मई को कुछ गुंडे ने न केवल जानलेवा हमला किया बल्कि उसके घर पहुंचकर कोहराम भी मचा दिया।बावजूद इसके पुलिस द्वारा महज प्राथमिकी दर्ज कर सो जाना आश्चर्य का विषय है कार्रवाई किए जाने की बात तो दूर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचना भी शायद मुनासिब नहीं समझा।मामले की जानकारी नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन तक पहुंचते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता सहित तमाम पदाधिकारियों ने संज्ञान लिया है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता,राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सुमन,सी.के.झा,प्रदेश अध्यक्ष अबोध ठाकुर,महिला प्रदेश अध्यक्ष पूजा मिश्रा आदि ने इस घटना की निंदा करते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।महिला प्रदेश अध्यक्ष पूजा मिश्रा ने इस सम्बन्ध में आज मंगलवार की देर शाम पूर्णिया क्षेत्र के पुलिस महा निरीक्षक सुरेश चौधरी से बात की है और अविलम्ब कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।उन्होंने कहा है कि नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन इस घटना की कठोर शब्दों में निंदा करती है। श्रीमति मिश्रा के मुताबिक पत्रकारों पर हमला निराशाजनक और निंदनीय है।पत्रकारों पर हमले के मामले को नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन बर्दाश्त नहीं करेगी।उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी लोकतंत्र प्रेस की आजादी के बिना काम नहीं कर सकता है।मीडिया लोगों और संस्थाओं के बीच विश्वास की नींव है।जब मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया जाता है,तो इसका परिणाम पूरे समाज का भुगतना पड़ता है।
उन्होंने कहा है कि पुलिस इस मामले में अगर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नही करती है, तो पीड़ित पत्रकार की लड़ाई संगठन लड़ेगी।आन्दोलन करना संगठन की बाध्यता होगी।पत्रकारों के साथ अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा।इधर एनजेए के अररिया जिला संयोजक पत्रकार अंजनी गौतम ने भी अररिया के पुलिस अधीक्षक श्री हृदयकांत को मामले की जानकारी दे दी है और अविलम्ब कार्रवाई का अनुरोध किया है।हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस ने महज भरगामा थाना में (कांड संख्या 67/21) दर्ज किया है।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि पत्रकार उत्पीड़न मामले में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है अथवा पत्रकारों के हक-हकूक को ले एनजेए को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ता है।
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