राजेश सिन्हा कोरोना महामारी ने इंसानों की जिंदगी के रफ्तार पर लगाम लगा रखी है।वर्तमान समय में देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है।एक ऐसी बीमारी,जो पूर्व से नहीं थी। जिसके लक्षण हर दौर में अलग हैं।जिसको हम वायरल समझते थे,वह कब इंसानों की जान ले ले, कह नही सकते। देश और प्रदेश की सभी सरकारें अपने पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर अपनी सम्पूर्ण क्षमता का उपयोग करते हुए इस बीमारी से आम और आवाम की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में लगी है।लेकिन अफसोस की बात यह है कि अपनी विचारधारा से भटके दिख रहे कुछ नेता इस राष्ट्रीय आपदा के समय भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।उक्त बातें सूबे के पंचायती राज मंत्री सह बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आप सभी यह जानकर आश्चर्य चकित होंगे,कि covid 19 से अभी तक देश में कुल तीन लाख पंद्रह हजार इंसानों की मौत हुई है।लेकिन लगभग एक तिहाई मौत अर्थात 91341 लोगों की मौत सिर्फ महाराष्ट्र में हुई है।श्री चौधरी के मुताबिक ध्यान देने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में शिव सेना-कांग्रेस- एनसीपी महाअघारी की सरकार है।वहां ना तो चुनाव हुए और न ही वहा कुंभ था।उससे भी बड़ी बात यह है कि वहां बीजेपी की सरकार भी नहीं है।ऐसी स्थिति में सवाल तो अनगिनत उठ रहे हैं,लेकिन बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर इन सब बातों के बावजूद विपक्षियों के टारगेट सिर्फ मोदी ही क्यूं?
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि बिहार और महाराष्ट्र की आबादी लगभग बराबर होने के बावजूद बिहार में कुल 4845 लोगों की मौत हुई है।उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले केजरीवाल जी अपने इंटरनेशनल मोहल्ला क्लिनिक की चर्चा करते नहीं थकते।दिल्ली की आबादी एक करोड़ नब्बे लाख के करीब है।लेकिन मौत हो गई 23695 इंसानों की।यानी कि बिहार से 6 गुणा ज्यादा, जबकि आबादी बिहार के आबादी का 16 प्रतिशत ही है। दूसरी ओर जब हम सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश अर्थात उत्तर प्रदेश की आबादी को देखते हैं,तो वहां की आबादी 23 करोड़ 15 लाख के करीब है।बावजूद इसके वहां भी मृत्यु का कुल आंकड़ा 19899 ही है।इससे समझ सकते हैं कि एक ओर जहां महाराष्ट्र और दिल्ली का शहरीकरण ज्यादा है।वहां हेल्थ इंफ्रा बेहतर कहे जाते हैं और उत्तर प्रदेश व बिहार की ग्रामीण आबादी ज्यादा है। हेल्थ इंफ्रा भी वहां अभी डेवलप हो ही रहे है।बावजूद इसके हम यह नहीं कहना चाहते हैं कि हम पूर्णतः सक्षम हैं।उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर इस आपदा के लिए तैयार नहीं था।फिर भी आप मृत्यु के आंकड़ों से समझ सकते हैं कि कौन सी सरकार कितनी संवेदनशील है।हमलोग उसी देश में हैं,जहां पोलियो के वैक्सीन लगने में कितने वर्ष लग गए।जबकि आज की लीडरशिप ने बीमारी के साथ-साथ वैक्सीन इजाद करवाया।तकरीबन 20 करोड़ वैक्सीन भारतवासियों को लग चुके हैं तथा दो करोड़ वैक्सीन विभिन्न राज्यों के स्टॉक में उपलब्ध हैं।मंत्री सम्राट चौधरी ने भाजपा के विरोधियों को संदेश देते हुए कहा कि थोड़ा संयम रख लो।बहुत अवसर मिलेंगे विरोध करने के,कर लेना।अभी तो देश वासियों की सेवा कर लो। अपनी सरकार के सद्प्रयासों से कदम ताल कर लो।।
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