राजेश सिन्हा
खगड़िया जिले में लंबित भूमि विवाद को सुलझाने की कवायदें चरम पर है।जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष तथा पुलिस कप्तान अमितेश कुमार के द्वारा आज बुधवार अर्थात 23 जून को जिले में लंबित भूमि विवादों की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश सभी संबंधितों के नाम जारी किया गया है।
डीएम एवं एसपी ने भूमि विवाद,मापी संबंधी विवाद, सीमांकन संबंधी मामलों के साथ-साथ आपराधिक वाद, थाने में लंबित विवादों की संख्या,शराब विनष्टीकरण की मात्रा के संबंध में समीक्षा की और इसके त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने थाना स्तर, अनुमंडल स्तर एवं जिला स्तर पर वादों के निष्पादन के लिए नियमित बैठक करने का निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिले में भूमि विवाद से संबंधित कोई अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा लंबित नहीं है, जिससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो।
कहा गया कि नदी के मार्ग बदलने से बेगूसराय जिला से हुए सीमा विवाद के निपटारे के लिए दोनों जिलों से टीम बनाकर मापी करा ली गई है।खगड़िया जिला द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर बेगूसराय को भेज दिया गया है,किंतु बेगूसराय से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं है।
जिले में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए जिलाधिकारी ने विवाद रहित भूमि चयनित करने का निर्देश दिया।उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को प्रखंड और अंचल की जमीन की जमाबंदी कराने का निर्देश दिया,ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न न हो सके।वर्तमान भू-सर्वेक्षण में सरकारी जमीन की प्रविष्टि कराने का निर्देश दिया गया।सभी प्रखंडों और अंचलों के कार्यालयों का खाता खेसरा निकालकर प्रतिवेदित करने का निर्देश भी दिया गया।इसके लिए उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को विभाग द्वारा निर्धारित विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन की मांग करें।
बांध बनने से या अन्य कारणों से विस्थापित लोगों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को उपयुक्त सरकारी भूमि का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है,ताकि भविष्य में इससे विधि व्यवस्था संबंधी समस्याएं उत्पन्न न हो सके।चोढ़ली घाट के पास विस्थापितों की समस्या,बस्सी बाबा विवाद,बेलदौर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग के किनारे स्थित मंदिरों के विस्थापन का विवाद,अघौरी स्थान,पिपरा लतीफ में भूमि अधिग्रहण के समय एक व्यक्ति द्वारा किए गए दावे,रोज बड स्कूल के सामने रक्षपाल कॉलोनी के जमीन इत्यादि के संबंध में भी समीक्षा की गई एवं इस पर नजर रखने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता और उपस्थित पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देश दिया कि भूमि और गैर भूमि विवाद के मामलों के साथ आपराधिक मामले को अलग-अलग श्रेणी में रखते हुए थाना स्तर पर एक रजिस्टर बनाकर इन्हें संधारित किया जाए।थाना और अंचल से विवाद के मामलों के संख्या में अंतर नहीं परिलक्षित होना चाहिए।इस रजिस्टर पर संबंधित अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष दोनों का संयुक्त हस्ताक्षर होना चाहिए।जनता दरबार के बाद इस रजिस्टर में प्रविष्टि निश्चित रूप से कराई जाए।
उत्पाद विभाग एवं थानों द्वारा जब्त शराब का विकेंद्रित तरीके से अलग-अलग थानों में विनष्टीकरण कराने का निर्देश भी दिया गया।
थाना में आयोजित जनता दरबार में अंचलाधिकारी भी जाते हैं।एक अंचल में एक से अधिक थाने हैं।उन्हें निर्देश दिया गया की अन्य थानों में जनता दरबार में भाग लेने के लिए जानकार राजस्व कर्मचारी को भेजा जाए, ताकि भूमि संबंधी विवादों का निपटारा सुगमता पूर्वक कराया जा सके।