आखिर कब तक बागमती की कोख में समाते रहेंगे गरीबों के आशियाने और तमाशबीन बने रहेंगे विभागीय पदाधिकारी! ग्रामीणों का हाल देख जेडीयू जिलाध्यक्ष का पसीजा कलेजा,त्वरित कदम उठाए जाने का दिया भरोसा
राजेश सिन्हा सात नदियों से घिरे खगड़िया जिले के विभिन्न इलाकों में आंख तरेरती कोसी और बागमती नदियाें के कटाव ने लोगों को सहमा कर रख दिया है।खून पसीने की कमाई से आशियाना संजाने वालों के आशियाने नदियों में विलीन होते जा रहे हैं।लेकिन विभागीय पदाधिकारियों की आंखें स्थिति-परिस्थिति देखने के बाद भी बंद पड़ी है।जिले के चौथम और बेलदौर के विभिन्न गांव में कटाव का दृश्य देखकर पत्थर दिल वाले इंसानों का भी कलेजा मुंह को आ रहा है,लेकिन बेदर्द हो चुके विभागीय पदाधिकारियों का कलेजा दहल तक नहीं रहा है।बात अगर खगड़िया सदर प्रखंड अंतर्गत माड़र पंचायत के मधुरा गांव की करें,तो वहां का दृश्य भी भयावह नजर आ रहा है।बेदर्द हो चुके विभागीय पदाधिकारियों की तंद्रा आखिर कब भंग होगी,यह तो शासक-प्रशासक ही जानें।लेकिन जद(यू)के खगड़िया जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल का कलेजा आज उस समय पसीज गया,जब वह मधुरा गांव का दौरा करने पहुंचे। बागमती की बलखाती धारा में गांव के कई मकान समा चुके हैं और लगभग 300 परिवारों का आशियाना बागमती की कोख के समाने के करीब है।जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष द्वारा जिला प्रशासन व राज्य सरकार की आंखों तक इस तरह का मामला अविलंब पहुंचाने की बात कही गई है।श्री मंडल ने स्थिति-परिस्थिति को देखते हुए यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही इस समस्या को ले ठोस पहल शुरु किया जाएगा।मौके पर स्थानीय मुखिया मोहम्मद मिराज,जद(यू) नेता सुमित कुमार सिंह,जद (यू) समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रवींद्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे।जद(यू) जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल द्वारा दिए गए आश्वासन के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम के तौर पर क्या-क्या किया जाएगा,यह तो देखने वाली बात होगी।लेकिन अगर देर की गई तो कहीं ग्रामीणों के मुंह से यह न निकलने लगे कि दिल के अरमां आसुंओं में बह गए…….
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