राजेश सिन्हा की रिपोर्ट
पूर्ण शराबबंदी के बाद भी बिहार में कब तक शराब का कारोबार होता रहेगा,यह तो शासक-प्रशासक ही जानें!लेकिन यह कहने में कहीं संकोच नहीं है कि शराब बंदी के बाद भी बिहार में न केवल शराब का धंधा काफी फल फूल रहा है,बल्कि स्मैक के साथ-साथ गांजे का भी व्यापार चरम पर है।यहां तक कि कफ सीरप और नशीली दवाओं के धंधा की चमक भी खूब दिख रही है।अन्य जिलों की बातों को कुछ देर के लिए नजरअंदाज कर अगर खगड़िया जिले की बात करें, तो यह जिला भले ही अति पिछड़ा हो,बाढ़ग्रस्त इलाका कहलाता हो,लेकिन यहां नशे का कारोबार जमकर हो रहा है।
देसी-विदेशी शराब के साथ-साथ स्मैक और गांजे का व्यापार चरम पर तो है ही, नशीली दवाओं और कफ सीरप का धंधा भी परवान पर है।ऐसी बात नहीं है कि पुलिस नशे का कारोबार करने वालों के विरुद्ध अभियान नहीं चलाती।पुलिस कप्तान अमितेश कुमार के दिशा-निर्देश पर पुलिस समय-समय पर अभियान भी चलाती है और नशे का कारोबार करने वालों को गिरफ्त में भी लेती है।लेकिन धंधे से जुड़ी बड़ी मछलियों का शिकार नहीं हो पाने के कारण छोटे कारोबारी जेल से बाहर निकलते ही नशे के कारोबार में लग जाते हैं।स्थिति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी शराब के कारोबार पर ग्रहण तो नहीं ही लग सका, स्मैक के गिरफ्त में आम शराबियों के साथ-साथ युवा वर्ग भी डूबता चला जा रहा है।स्थिति यह है कि स्मैकरों ने स्मैक बेचने का नया तरीका भी इजाद कर लिया है।स्मैकरों द्वारा पहले युवाओं को मुफ्त में स्मैक देकर उसका आदती बनाया जाता है,फिर बाद में जब युवाओं को स्मैक की लत लग जाती है,तो कहा जाता है कि पांच बंदे को लाओ,तुम्हें फ्री मिलेगा स्मैक।अब स्मैक पीने के लती हो चुके युवा पांच लड़कों को लाते है और उन्हें फ्री में स्मैक उपलब्ध करा दिया जाता है।इस तरह स्मैक तस्करों के लिए बाजार बड़ा हो जाता है।
जानकारों की बातों पर अगर यकीन करें,तो स्मैक की गिरफ्त में आए कम उम्र के युवाओं ने इसे उड़ता खगड़िया बना दिया है।हालात यह है कि शहर तो क्या गांव में भी स्मैक का धंधा धीरे-धीरे परवान चढ़ता जा रहा है।जिले में घटित कई घटनाओं को स्मैक पीने वाले युवाओं द्वारा अंजाम दिए जाने की बात कही जा रही है।जानकारों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों की कौन कहे,मथुरापुर, संहौली,सूर्य मंदिर चौक, जयप्रकाशनगर,सदर अस्पताल चौक,टमटम चौक सहित लगभग सभी चौक-चौराहों पर आसानी से स्मैक उपलब्ध हो जाता है।दो सौ से दो सौ पचास रुपये पुड़िया मिलने वाले स्मैक के लिए अक्सर युवाओं की भीड़ लगी रहती है।
इधर चित्रगुप्तनगर के थानाध्यक्ष संजीब कुमार ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि नशे के खिलाफ आमलोग साथ दें तो जल्द ही तस्वीर बदल दूंगा।कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे या आपको किसी भी तरह की कोई भी जानकारी मिले,तो सीधे मेरे मोबाइल नम्बर पर तत्काल इसकी सूचना दें।