स्वार्थ की इस दुनियां में आदमी को आदमी मानने से जहां आदमी इंकार करने से बाज नहीं आ रहे हैं,वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की खगड़िया इकाई द्वारा जरुरतमंदों के लिए रक्तदान कर अनूठी मिशाल पेश की जा रही है।एसडीएफ लाइव इंडिया से बातचीत के दौरान अभाविप के विश्व विद्यालय संयोजक कुमार शानू ने बताया कि,महादानियों द्वारा रक्तदान किए जाने से ना केवल गंभीर रोगों से पीड़ितों को मुक्ति मिलती है,बल्कि थैलीसीमिया से पीड़ित मासूम बच्चों की जिंदगी के लिए संजीवनी भी बनता है।उन्होंने कहा कि,रक्तदाताओं के एक यूनिट रक्तदान से चार गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है।उन्होंने कहा कि, अभाविप के’रक्तदान महादान’ मुहिम को सार्थक बनाने में युवाओं का सहयोग अपेक्षित है।इसके लिए अब संकल्प लेने की जरूरत है।अभाविप के प्रदेश कार्य कारिणी सदस्य नलिन सिंह ने कहा कि,पीड़ित व जरूरत मंदों की सेवा मुहिम से जुड़ने के लिए हमें जिले के युवाओं, महिलाओं,छात्र-छात्राओं का अकल्पनीय सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि,अभाविप के कार्यकर्ताओं ने अब तक सैकड़ों मरीजों की जान बचाई है।अभाविप द्वारा चलाए जा रहे ‘रक्तदान-महादान’ मुहिम में शामिल होने वाले महादानियों को जल्द नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराने की सुविधा भी मिलेगी।उन्होंने कहा कि,इसके माध्यम से मधुमेह,रक्तचाप समेत अन्य जांच नि:शुल्क की जाएगी।रक्तदाताओं के रक्त से संबंधित 16 महत्वपूर्ण जांचें भी नि:शुल्क की जाएंगी।इसके लिए योजना बनाई जा रही है।
बीते दिनों किए गए रक्तदान की बातों को फिलवक्त नजरअंदाज कर अगर आज की बात की जाय,तो खगड़िया जिले के मानसी बाजार निवासी संजय भगत की माता जी पिछले कई महीनों से गंभीर रोग से पीड़ित थी।जिनका इलाज स्थानीय चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा था।परंतु अचानक शरीर में खून की कमी होने की वजह से उन्हें एक यूनिट बी पॉजिटिव रक्त चढ़ाने की सलाह दी गई।जिसके बाद मरीज के परिजन लगातार 48 घंटे से रक्त के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं अस्पतालों के रक्तदान केंद्रों का चक्कर काट रहे थे।लेकिन कहीं से भी रक्त की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी।अंततः मरीज के परिजनों द्वारा अभाविप के हेल्पलाइन नंबर 7004967345 पर संपर्क कर इस बात जानकारी दी गई।जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक कुमार शानु द्वारा संगठन के कार्यकर्ता बिट्टू कुमार को स्थानीय सदर अस्पताल में ले जाकर रक्तदान कराया गया।इस तरह मरीज के जान बची।इधर,मरीज के परिजनों ने अभाविप द्वारा की गई मदद की सराहना करते हुए कहा कि,मरीजों के लिए अभाविप के कार्यकर्ता किसी देवता से कम नहीं हैं।सही समय पर रक्तदान के माध्यम से मेरे मरीज को नई जिंदगी प्रदान की गई है।इसके लिए हम लोग सदा अभाविप के आभारी रहेंगे।
दूसरी तरफ रक्तदान केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक नीरज कुमार ने कहा कि,रक्तदान कर मरीजों की जान बचाने में अभाविप के कुमार शानु का योगदान अतुलनीय रहा है।अभाविप कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की चर्चा हर गली-मोहल्ले में सुनने को मिल रही है।युवाओं में रक्तदान के प्रति पहले से अधिक जागरूकता आई है।दिन हो या रात, अभाविप के कार्यकर्ता रक्तदान के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं।
आपको बता दें कि,कोरोना काल में ही अभाविप द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था।जिसके माध्यम से अब तक सैकड़ों मरीजों को नयी जिंदगी मिली है।अभाविप के इस मुहिम की कई स्वैच्छिक संस्थाओं व सामाजिक संगठनों ने भी सराहना की है।
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