खगड़िया(रवि चौहान)।
एसबीआई की मानसी शाखा देखते-देखते अखाड़ा बन गया।बुधवार को गार्ड ने कैशियर को लात-घूसों और डंडे से पीट-पीटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया।गंभीर रुप से जख्मी कैशियर को प्राथमिक उपचार के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से छुट्टी तो दे दी गई,लेकिन सवाल यह उठता है कि,बैंक में तैनात गार्ड अमरेन्द्र मिश्रा द्वारा जब कैशियर उमेश गुप्ता के साथ बेरहमी से मारपीट की जा रही थी,तो शाखा प्रबंधक निरंजन कुमार सहित तमाम बैंककर्मी क्यों तमाशबीन बने रहे!दबंगई का परिचय देते हुए कैशियर को बुरी तरह पीट रहे गार्ड को रोकने की कोशिश आखिर क्यों नहीं की गई!बेकाबू गार्ड अमरेन्द्र मिश्रा द्वारा बैंक के अंदर कैशियर की जमकर धुनाई करना,कई तरह के सवाल को जन्म दे रहा है।कहा जा रहा है कि किसी बात को लेकर गार्ड एवं कैशियर के बीच हुई कहासुनी के बाद गार्ड ने कैशियर को सबके सामने धून दिया।घटना के बाद बैंक के मुंगेर स्थित आरबीओ से धीरेन्द्र कुमार चौधरी सहित कई अधिकारी पहुंचे और पिटाई से बुरी तरह जख्मी कैशियर उमेश गुप्ता के साथ-साथ गार्ड से पूछताछ की।
सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया।सीसीटीवी फुटेज देखकर यह तो प्रमाणित हो ही गया कि,दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई,गार्ड ने भी कैशियर को पीटे जाने की बात स्वीकार की।बावजूद कार्रवाई के नाम पर बैंक अधिकारियों के हाथ क्यों कांप गए!बैंक के कई कर्मियों ने यहां तक बताया कि,इस दौरान गार्ड ने बाहर का गेट बंद कर दिया था।मारपीट की घटना को लेकर बैंक अधिकारियों सहित ग्राहकों द्वारा तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है।बताया जा रहा है कि,गार्ड अमरेन्द्र मिश्रा की पदस्थापना काल से ही कई शिकायतें सामने आती रही है।
उपभोक्ताओं से लेकर बैंक कर्मियों द्वारा वरीय अधिकारियों से गार्ड की शिकायतें की जाती रही है, लेकिन कभी भी आरोपी गार्ड के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जबकि पुख्ता सबूत के साथ आरबीओ कार्यालय से लेकर शाखा प्रबंधक तक लिखित रुप में शिकायत की गई।नतीजतन गार्ड अमरेन्द्र मिश्रा का मनोबल बढ़ता गया और कैशियर को पीट-पीटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया गया।