खगड़िया(अभिजीत सिन्हा)।
खगड़िया के निबंधन पदाधिकारी की मनमामी से परेशान बिहार दस्तावेज नवीस संघ की खगड़िया इकाई के द्वारा आज शनिवार को निबंधन कार्यालय में हो रही मनमानी की चर्चा की गई।नवीस संघ,खगड़िया की जिला शाखा के अध्यक्ष राम सागर यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, खगड़िया के निबंधन पदाधिकारी नाहक ही सरकार द्वारा निबंधित कातिवों को परेशान कर रहे हैं।निबंधन कार्यालय के तमाम निबंधित कातिवों को निबंधन दस्तावेज की प्रक्रिया अपने हस्ताक्षर से पूरी करनी होती है।लेकिन जिला निबंधन कार्यालय में बिना किसी सरकारी आदेश के कतिवों के हस्ताक्षर पर रोक लगा दिया गया है।उन्होंने कहा कि, दस्तावेज नवीस संघ इसकी घोर निन्दा करता है।निबंधन पदाधिकारी की कार्यशैली से नाराज कातिव उनके विरुद्ध आर पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं।उन्होंने कहा कि, निबंधन अधिकारी बताएं कि, किस आदेश के आलोक में वह कतिवों को हस्ताक्षर करने से मना कर रहे हैं।
संघ के जिला मंत्री संजय कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, सरकार ने कातिवो को इस लिए अनुज्ञप्ति दी है,ताकि निबंधित होने वाले दस्तावेज सही और दुरुस्त हों।उन्होंने यह भी कहा कि,मॉडल डीड की आड़ में दलालों को बढ़ावा मिल रहा है।निबंधित कातिव जमीन निबंधन कराने आने वाले लोगों की हितों को रक्षा करते हैं।कातिवों द्वारा लोगों को सही और गलत जमीन की जानकारी देकर दस्तावेज निबंधित करवाई जाती है।जिनके निबंधित दस्तावेज पर कातिवों का हस्ताक्षर होता है।लेकिन,जिस तरह से खगड़िया के निबंधन पदाधिकारी बिना किसी सरकारी लिखित निर्देश के कातिवों के हस्ताक्षर पर रोक लगा रहे हैं,उससे जालसाजों का राज निबंधन कार्यालय के ऊपर हावी हो जायेगा।जालसाज गलत जमीन को निबंधित करवाकर लोगों को फांसने का काम करेंगे।
इधर,संघ द्वारा बताया गया कि,सरकार को माननीय उच्च न्यायालय पटना ने अपने आदेश में साफ-साफ कहा है कि,कतिवों को उनके हस्ताक्षर से रोका नहीं जा सकता है।गौरतलब है कि,निबंधन विभाग द्वारा बीते एक सितंबर 2022 से पूरे राज्य में सिर्फ मॉडल डीड के लिए आदेश जारी किया था।जिसको लेकर बिहार दस्तावेज नवीस संघ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।इस मामले में विभाग द्वारा न्यायालय के सख्त रवैया को देखते हुए अपना आदेश वापस लिया जा चुका है।पत्रकारों को संबोधित करते हुए खगड़िया नवीस संघ के तमाम पदाधिकारियों द्वारा आरोप लगाया गया है कि,खगड़िया के रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं।