खगड़िया(प्रवीण कुमार प्रियांशु)।
सदर प्रखण्ड अंतर्गत कन्या मध्य विद्यालय सबलपुर के प्रांगण में ‘बदलते भारत में महात्मा ज्योतिवा फुले एवं सावित्री बाई फुले की प्रासंगिकता’ विषयक एक दिवसीय सेमिनार का भव्य आयोजन किया गया।
टीएनबी कॉलेज भागलपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ.रामप्रकाश वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर उद्घाटित इस सेमिनार की अध्यक्षता तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के पूर्व कुलपति डॉ.छवेन्द्र कुमार ने की।गोष्ठी के मुख्य अतिथि माकपा विधायक दल के नेता विधायक अजय कुमार सिंह थे।स्वागताध्यक्ष की जिम्मेवारी युवा शक्ति के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह त्यागी निभा रहे थे,जबकि आयोजन समिति के संयोजक विजय कुमार सिंह थे।मंच संचालक की भूमिका मुल्क राज आनंद ने शायराना अंदाज में निभाया।
माकपा विधायक दल के नेता अजय कुमार सिंह,पूर्व कुलपति डॉ.छवेन्द्र कुमार तथा पूर्व प्राचार्य डॉ. रामप्रकाश वर्मा ने शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए हुए कहा कि,बेटा व बेटी को समान रुप से शिक्षा दिलायें, यही ज्योतिवा और सावित्रीबाई फुले के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।इन महान दम्पति विभूतियों ने महिलाओं में शिक्षा का अलख जगाने का काम तो किया ही, बाल विवाह पर रोक,विधवा पुनर्विवाह आदि समाज हित में जो काम किये,आज उनकी कृति व प्रासंगिकता हमसबों के लिए जीवंत आदर्श है। वक्ताओं ने कहा कि,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के माहौल को मखौल बना दिया गया है।शिक्षा का निजीकरण व बाजारीकरण किया जा रहा है।इस नीति से एससी-एसटी ओबीसी, ईबीसी,मेन्यूरिटी के बच्चों को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि,गैर बराबरी और अंधविश्वास जैसे सवाल आज भी हमारे सामने है। मानसिक गुलामी से छुटकारा पाने के लिए महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के पदचिन्हों पर चलने की जरुरत है।
युवा शक्ति के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह त्यागी तथा जदयू प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि,आज महात्मा ज्योतिवा फुले व माता सावित्रीबाई फुले के सपनों का भारत बनाने के लिए महिलाओं में शिक्षा के प्रति लगाव स्वाभाविक रुप से बढ़े,इसके लिए बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कई योजनाओं को धरातल पर उतारा गया।मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना एवं स्कूल बैग, पोशाक एवं छात्रवृत्ति योजना को सरजमीं पर उतारने से आज हमारी बहन-बेटी निर्भिकता के साथ घंटी बजाते हुए स्कूल जाती और आती हैं। वास्तव में महात्मा ज्योतिवा फुले और भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले सताये और दबे कुचले लोगों को उनकी नियति में बदलाव लाने तथा महिलाओं में शिक्षा के लिए शिक्षा क्रांति का आगाज किया।जिसके कारण आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपना परचम लहरा रही हैं।फुले दम्पति महिलाओं के मसीहा और उद्धारक थे।
सेमिनार को प्रोफेसर अकील अहमद,कांग्रेस नेत्री प्रीति वर्मा,प्रोफेसर कपिलदेव महतो,पूर्व प्राचार्य डॉ उमेश प्रसाद सिंह,प्रधानाध्यापक बालकिशोर पासवान, प्रधानाध्यापक अर्जुन कुमार मेहरा,जाप के जिला अध्यक्ष कृष्णा नन्द यादव मुखिया, चन्द्र शेखरम,सुभाष चन्द्र जोशी,शम्भु चौरसिया मुखिया एवं बामसेफ के नेता मोनी पासवान व मोहम्मद आकीब बिहारी ने संबोधित करते हुए फुले दम्पति को विश्व नारी समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
इस अवसर पर ‘हम’ के नेता संजय यादव,समाजवादी नेता गौतम गुप्ता,माले नेता प्राणेश कुमार अधिवक्ता,जदयू जिला महासचिव रामाशंकर सिंह कुशवाहा,प्र.ले.संघ के अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार,देवेन्द्र कुमार अधिवक्ता,शिक्षक संजीव पासवान,सूर्य नारायण वर्मा, मोहम्मद जुल्फीकार,अर्जक संघ के अध्यक्ष दशरथ वर्मा, अनुराग,रंजन सिंह,संजय कुमार गुप्ता,ज्ञान प्रकाश मुनी, किशोर प्रसाद सिंह एवं रामबहादुर सदा सहित सैकडों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति,विद्यालय परिवार के सदस्य व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।