अररिया(मनीष सिंह)।
फारबिसगंज-अररिया मुख्य मार्ग एनएच 57 से सटे दो ढ़ाबे में अचानक छापेमारी कर नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘डोडा’के साथ चार लोगों को गिरफ्तार कर फारबिसगंज पुलिस पूरे मामले को खंगाल रही है।फारबिसगंज एसडीपीओ शुभांक मिश्रा के नेतृत्व में 7 किलो 380 ग्राम डोडा,छह मोबाइल और डोडा की बिक्री के एवज में जमा किए गए 5 हजार 300 रुपये सहित चार धंधेबाजों की गिरफ्तारी से हड़कंप मचा हुआ है।गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किए गए धंधेबाजों की पहचान राजस्थान के वाडमेर निवासी तेजारामजी के पुत्र देवेन्द्र चौधरी और उसके सगे भाई अशोक चौधरी,हेमा पेट्रोल पंप स्थित दसमेरा ढ़ाबा के संचालक पंजाब के मूंगा जिला रणसिंह खुर्द निवासी नागेन्द्र सिंह के पुत्र तेजेन्द्र सिंह,पंजाब के ही मूंगा जिला निवासी बुजुर्ग हमीरा नेहाल सिंह तथा बाला के रहने वाले विक्कर सिंह के पुत्र सुखभेन्द्र सिंह के रुप में हुई है।
फारबिसगंज के थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु, एसआई रौनक कुमार,मसरुर आलम और पुलिस बल की मौजूदगी में एसडीपीओ शुभांक मिश्रा ने ‘डोडा’ के संदर्भ में बताया कि,पोस्ता के सूखे फल के छिलके को डोडा कहते हैं।इसे पानी में भींगोकर शेष रहे अफीम के निर्यास को घोलकर निकाल लिया जाता है।इसमें से मॉरफीन और कोडीन निकाले जाते हैं,जो दवाइयों में काम आते हैं।अफीम में साधारणत: 8 से 13 प्रतिशत मॉरफीन होता है, अधिक से अधिक 22.8 प्रतिशत।डोडा का इस्तेमाल नशे के रुप में किया जाता है और इन दिनों एनएच के नजदीक के ढ़ाबों में बकायदा इसका प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।उन्होंने बताया कि,जो कोई शख्स एक बार अगर इसका आदि हो गया,तो वह नशेड़ी बिना इसके नहीं रह सकता है।उन्होंने यह भी बताया कि,सामान्यतया यह तीन हजार रुपये आरती किलोग्राम के हिसाब से बिक्री होती है।खुले बाजार में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध है।लेकिन इन दिनों विभिन्न ढ़ाबों पर चोरी-छिपे इसकी बिक्री की जाने की सूचना मिल रही है पुलिस पूरे मामलों को खंगाल रही है।कोई भी धंधेबाज पुलिस की गिरफ्त से नहीं बचेंगे।इधर कई जानकारों का कहना है कि,बिहार में शराबबंदी के बाद पंजाब और राजस्थान के कई धंधेबाजों की सक्रियता यहां ‘डोडा’ की बिक्री को लेकर बढ़ गई है और धीरे-धीरे लोग ‘डोडा’ के गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं।