पटना(अभिनव कुमार)।
शरीफ और निर्दोष लोगों को बेवजह जेल की राह दिखाने वाली बिहार पुलिस कुख्यात अपराधियों पर कितना मेहरबान है,इसका प्रमाण समय-समय पर मिलता रहा है।सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी इस तरह का मामला अक्सर जुगाली करता रहता है।अन्य मामलों को कुछ देर के लिए दरकिनार कर अगर हाल के मामले पर नजर डालें,तो सुशासन बाबू की अरवल पुलिस ने भोजपुर के 17मामलों में वांछित एक कुख्यात अपराधी कहे जाने वाले बालू माफिया को पकड़ा तो जरुर,लेकिन माल लेकर इज्जत के साथ पुलिस की गाड़ी में बिठाते हुए थाने से बाहर जाकर छोड़ दिया।बताया जा रहा है कि,कुख्यात बालू माफिया को इज्जत के साथ छोड़ने के एवज में बोली लगी और कानून को ठेंगा दिखाते हुए प्रभारी थानेदार ने उसे थाने से रुख़सत कर दिया।मिल रही जानकारी के अनुसार वाहन चेकिंग के दौरान अरवल की पुलिस ने बीते 16नवम्बर को चोरी की बाइक के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।पुलिस गिरफ्त में आए नीतीश कुमार, सूरज और अंकित में से नीतीश और सूरज को चोरी की बाइक रखने के आरोप में पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन17 केस में वांछित कुख्यात माफिया अंकित को पकड़ने के बाद छोड़ दिया।जबकि जानकारी मिलते ही कोईलवर पुलिस ने अरवल पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराते हुए वांछित अंकित को थाने में ही रखने को कहा था।कोईलवर पुलिस जब तक अरवल पहुंचती,तब तक अंकित को अरवल के प्रभारी थानाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने पुलिस गाड़ी पर बिठाया और थाने से बाहर ले जाकर छोड़ दिया।कोईलवर पुलिस द्वारा वांछित अंकित को थाने में रखने की बात कहे जाने के बाद भी अरवल के प्रभारी थानाध्यक्ष ने आखिर क्यों छोड़ दिया,यह तो वही बता सकते हैं।लेकिन सवाल बहुत उठ रहे हैं।हालांकि पूरा वाक्या थाने के सीसीटीवी में कैद है और सीसीटीवी का फुटेज देखने के बाद स्थिति साफ हो सकती है।मिल रही जानकारी के अनुसार मामले की जानकारी मिलने के बाद थाना पहुंचे एसडीपीओ ने स्टेशन डायरी में पूरे मामले को अंकित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक भोजपुर जिले के कोईलवर थाना पुलिस को उनके यहां के मोस्ट वांडेट अपराधी अंकित के अरवल में पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही पूरे मामले से अरवल के प्रभारी थानाध्यक्ष को अवगत कराया गया।इतना ही नहीं,अरवल से फोटो का जब मिलान किया गया,तो यह साफ हो गया कि चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार किए गए तीन में से एक कुख्यात अंकित ही है।कुख्यात अंकित के अरवल थाना में होने की सूचना पर भोजपुर के एसपी ने कोईलवर के थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार को खुद अरवल भेजा।कोईलवर के थानेदार जब अरवल थाना पहुंचे,तो अरवल थाना में पदस्थापित सभी पुलिस कर्मी इधर-उधर भागने लगे।कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बताने से कन्नी काटने लगे।भोजपुर पुलिस को देखते ही मानो अरवल थाना में भूचाल मच गया हो।अरवल थाना की स्थिति देखकर भोजपुर के एसपी ने अरवल के एसपी से संपर्क साधा।कोईलवर के थानेदार का कहना था कि, उनलोगों ने अरवल पुलिस को बता दिया था कि,अंकित के विरुद्ध उनके थाने में 17 मामले दर्ज हैं।बहुत दिनों से उसकी तलाश की जा रही थी।लेकिन अरवल पुलिस उस कुख्यात अपराधी को 19साल के बजाय नाबालिग बता रही थी।अरवल के एएसपी रौशन कुमार से पूछे जानेर उन्होंने इस संबंध में एसपी से बात करने को कहा।जब इस संदर्भ में अरवल के एसपी से बात की गई,तो उन्होंने यह कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया कि,नाबालिग अंकित को नोटिस देकर छोड़ा गया है।बार-बार कुरेदे जाने के बाद भी अरवल एसपी इससे अधिक कुछ कहने को तैयार नहीं हुए।बहरहाल,यह मामला खासे सुर्खियों में है और अरवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।