खगड़िया(राजकमल)।
शिक्षा व्यवस्था में चार चांद लगाने का चाहे लाख दावा किया जाय,लेकिन हकीकत ठीक उलट है।विद्यालय में कहीं शिक्षक-शिक्षिकाओं का अभाव है,तो कहीं साधन संसाधन की कमी है।कहीं साधन-संसाधन के साथ-साथ प्रर्याप्त शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं,तो आपसी खींचतान इतनी है कि,शिक्षा व्यवस्था रसातल में जा रही है।कुछ इसी तरह के हालात जिले के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं।इसी तरह के हालात से निपटने के लिए बेलदौर प्रखंड अंतर्गत आदर्श मध्य विद्यालय का औचक निरीक्षण बुधवार को शिक्षा समिति की दो सदस्यीय टीम ने किया।बच्चों से पूछताछ के क्रम में विद्यालय की खामियां सामने आयी।बच्चों द्वारा जिस तरह की जानकारी दी गई,उसे जानकर दो सदस्यीय टीम ने माना कि,आदर्श मध्य विद्यालय बेलदौर में शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हो गई है।दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को प्रत्येक क्लास रुम में जाकर बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों से पूछताछ की।पूछताछ के दौरान बच्चों ने बताया कि,उन लोगों को पोशाक राशि नहीं मिल पा रही है।जिसके कारण स्कूल ड्रेस पहनकर विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।कुछ शिक्षकों ने बताया कि, वर्ष का आखिरी माह चलने के कारण आधे शिक्षक अवकाश हैं।कह सकते हैं कि,कोई न कोई बहाना बनाकर आधे शिक्षक विद्यालय से गायब रहते हैं।
विद्यालय शिक्षा समिति सदस्य निवेदिता ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था दिन प्रतिदिन नीचे गिरती जा रही है।शिक्षक सही रुप से बच्चों के बीच शिक्षा बांटने का काम नहीं कर पा रहे हैं।वहीं पूनम कुमारी ने बताया कि, प्रधानाध्यापक की लापरवाही के कारण विद्यालय में शिक्षकों की मनमानी चरम पर रहती है।जिसके कारण बच्चों को समय पर शिक्षा नहीं मिल पा रही है।कुल मिलाकर कह सकते हैं कि विद्यालय में शिक्षा का स्तर दोयम दर्जे का बनकर रह गया है।अब सवाल यह उठता है कि,विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था अगर गिरती जा रही है,तो फिर संभालेगा कौन?