गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया नगर परिषद के साथ-साथ गोगरी नगर परिषद और नवगठित परबत्ता नगर पंचायत चुनाव का फलाफल सामने आने के बाद से कहीं खुशी का माहौल दिख रहा है,तो कहीं गम पसर गया है।नवनिर्वाचित वार्ड पार्षदों के साथ-साथ तीनों नप के मुख्य पार्षदों व उप मुख्य पार्षदों के खेमे में खुशी का माहौल तो दिख ही रहा है, खासे खुशी खगड़िया नगर परिषद सभापति अर्चना कुमारी के खेमे में देखी जा रही है।क्योंकि अर्चना कुमारी की राह बहुत कठिन थी।अर्चना कुमारी की जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं।कह सकते हैं कि,खगड़िया नगर परिषद की राजनीति ने गजब की करवट ली है।सम्पन्न हुए नगर निकाय के चुनाव में खगड़िया नगर परिषद क्षेत्र से मुख्य पार्षद पद पर अर्चना कुमारी द्वारा बाजी मार लिए जाने पर आम लोग हतप्रभ तो नहीं हैं, लेकिन इतना जरुर कहा जा रहा है कि,सर्वामन्य शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह और उनकी टीम इस कदर जीत का पताका लहराएगी,इसकी कल्पना लोगों ने नहीं की थी।हालांकि आज सुबह जैसे-जैसे मतगणना का क्रम आगे बढ़ता जा रहा था,वैसे-वैसे अर्चना कुमारी, आरती देवी और रुपाली देवी के समर्थकों की धड़कने भी तेज होती जा रही थी।
हालांकि अंतत:अर्चना कुमारी के नाम लिखी जीत की तहरीर सामने आयी।वैसे अर्चना कुमारी की जीत से इतना तो तय है कि,शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह की नगर की राजनीति में नायक की छवि बनी है।अपनी पत्नी का जिला परिषद की राजनीति में कद जमाने में अपनी धाक रखने वाले शिक्षक नेता श्री सिंह ने यह जता दिया कि, नगर के विभिन्न क्षेत्रों में उनका कद्र करने वालों की कमी नहीं है।अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी आरती देवी को 870मतों के बड़े अंतर से हराने वाली अर्चना कुमारी को कुल 10692 मत मिले,जबकि आरती देवी को कुल 9822 मतों से संतोष करना पड़ा।रुपाली देवी ने भी कुल 8565 मत बटोरा।
मतगणना हॉल में मौजूद अर्चना समर्थक कहते हैं कि, मतगणना की शुरुआत में जब रुझान सामने आने लगा,तो रुपाली देवी को बढ़त मिलता दिख रहा था।उसके बाद कभी रुपाली देवी आगे चल रही थी, तो कभी अर्चना कुमारी का दबदबा दिखता था।आरती देवी भी अपनी धमक लगातार दिखा रहीं थी।वक्त ऐसा भी आया,जब आरती देवी ने अचानक बढ़त बना लिया।लेकिन मतगणना के अंतिम समय में जब चार सौ से अधिक मतों से अर्चना कुमारी ने बढ़त बना लिया,तो लोगों को लगने लगा कि,अब अर्चना कुमारी की जीत लगभग तय है और हुआ भी वही।अर्चना कुमारी ने अंतत:870मतों से विजयी पताका लहरा दिया।
अब अगर नगर सभापति चुनाव को लेकर हो रही पूरी राजनीति पर गौर करें,तो इस चुनाव में शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।मनीष सिंह ने चुनावी समर में अपने कोचिंग पार्टनर ज्योतिष मिश्रा की धर्मपत्नी पर दांव तो लगा दिया था,लेकिन प्रतिद्वंदियों द्वारा अर्चना कुमारी ही नहीं, मनीष सिंह के राह में रोड़े भी बिछाए जा रहे थे।इतना ही नहीं,राजनीति में अपनी धाक रखने वाले कई राजनीतिज्ञों का समर्थन अन्य प्रत्याशियों को मिल रहा था।चुनावी राजनीति में भूकंप तब आया, जब दुर्गा पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन के दौरान आम लोगों और जिला प्रशासन के बीच तनाव हुआ।आम लोगों को साथ लेकर राजेन्द्र चौक पर सड़क जाम कर घरना-प्रदर्शन कर रहे मनीष कुमार सिंह को जिला प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।लेकिन मनीष सिंह के जेल जाने के बाद भी अर्चना कुमारी के प्रचार का दौर थमा नहीं।मनीष टीम अपनी मुहिम में लगी रही।मनीष कुमार सिंह को जमानत तब मिला,जब चुनाव के महज पन्द्रह से बीस घंटे शेष बचे थे।खैर!खगड़िया नगर परिषद क्षेत्र में नायक की भूमिका निभाने को आतुर मनीष कुमार द्वारा चुनावी मैदान में खड़ी की गई अर्चना कुमारी को जीत मिली।
वैसे अर्चना देवी को 870मतों से मिली जीत पर लोग आह्लादित हैं और विरोधी खेमे में गम पसरा हुआ है।अब बात खगड़िया नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद की।इस पद को लेकर चुनावी समर में निर्वतमान वार्ड पार्षद पति व कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र यादव उर्फ धारो यादव की पत्नी बिन्दु देवी,जदयू नेता मोहम्मद शाहबुद्दीन की पत्नी शबनम जवीन सहित अन्य प्रत्याशी भी भाग्य आजमा रहे थे।जीत जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के खगड़िया जिलाध्यक्ष मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी शबनम जवीन को मिली।उन्होंने अपनी निकतम प्रतिद्वंद्वी बिन्दु देवी को 697 मतों से जमीन चटाया।11686 मत लाकर शबनम जमीन ने जीत का पताका लहराया,जबकि बिन्दु देवी को 9989 मत मिले।इसी तरह पूजा कुमारी को8110 मत,प्रतिभा कुमारी को 5237 तथा बबिता कुमारी को कुल 5320 मत मिले।इधर,अर्चना कुमारी की जीत के बाद शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने कहा कि,खगड़िया नगर परिषद भ्रष्टाचार मुक्त होगा।किसी भी तरह का गलत काम नहीं होगा।कोई भी उनसे गलत काम कराने की तमन्ना न पालें।बहरहाल,अब देखना दिलचस्प होगा कि,खगड़िया नगर की राजनीति में अब आगे क्या-क्या होता है!!