प्रवीण कुमार प्रियांशु की रिपोर्ट
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत शुम्भा पंचायत के श्री शिवनारायण मध्य विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना का कुछ ऐसा हाल है,जिसे जानकर यह कहा जा सकता है कि,बच्चे बेहाल हैं और प्रधानाध्यापिका के साथ-साथ बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं।कहने को तो सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन मुहैया कराया जा रहा है।परंतु असलियत तो यह है कि,अन्य सरकारी योजनाओं की तरह मिड डे मील (एमडीएम) योजना भी भ्रष्टाचार की शिकार होकर रह गयी है।इस तरह की स्थिति के बीच प्रधानाध्यापकों के द्वारा बच्चों के बीच किस तरह का भोजन परोसा जाता होगा,यह आसानी से समझा जा सकता है।मिड डे मील योजना से बच्चों की जगह प्रधानाध्यापक और बिचौलिए हृष्ट पुष्ट हो रहे हैं।पूरी की पूरी योजना एक बड़े गोलमाल की भेंट चढ़कर गई है।हद तो यह है कि,इस भ्रष्टाचार में निचले स्तर से लेकर वरीय स्तर के पदाधिकारियों के भी हाथ एमडीएम के गोलमाल में रंगे हुए हैं।मुख्य जिम्मेदार पदाधिकारी जांच करना भी जरुरी नहीं समझते हैं।इसके अलावा जिम्मेदार पदाधिकारी प्रर्याप्त धनराशि मिलने के बाद भी भ्रष्टाचार करने से नहीं चूक रहे हैं।इसके कारण बच्चे घटिया खाना खाने से बीमार पड़ रहे हैं।
इस बीच मिड डे मील योजना का नंगा सच तब सामने आया,जब बुधवार को ग्रामीणों ने तीन छात्राओं को दाल व तेल लेकर विद्यालय से बाहर निकलते देखा।पूछताछ किए जाने पर बच्चों ने बताया कि,उक्त विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अमृति कुमारी द्वारा उन लोगों को 5 किलो अरहर और 2.50 किलो मसूर के दाल सहित एक टीन तेल लेकर अपने घर पहुंचाने को कहा गया है।फिर क्या था!बच्चों को शिक्षा देने के बदले चोरी सिखाने की बात पर आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला जड़ते हुए शुम्भा-खगड़िया पथ को जाम कर दिया।उसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा डीएम डॉ आलोक रंजन घोष तथा शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन ठाकुर को फोन के माध्यम से पूरा मामला बताया गया।शिकायत सुनने के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार अनुभव निरीक्षण करने पहुंचे,तो ग्रामीणों ने जमकर हंगामा करते हुए उक्त शिक्षिका के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कारवाई करने की मांग की।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान तीनों छात्राओं से पूछताछ की गई,तो छात्राओं की बातों से वह भी संतुष्ट नजर आए और प्रधानाध्यापिका को फटकारते हुए कहा कि,ऐसा क्यों किए!जबाव देने के क्रम में लड़खड़ाती जुबां से प्रधानाध्यापिका कुछ कहना भी चाहती थी और माकूल जबाव देने से बचती भी नजर आयी।जिसके बाद मामले की जांच कर रहे पदधिकारी ने छात्र-छात्राओं से फिडबैक लिया।ग्रामीणों के द्वारा की गई शिकायत सही साबित हुई।इधर,बच्चों ने घटिया भोजन खिलाने की बात कही।जिस पर रसोईया को भी फटकार लगाते हुए गुणवत्तापूर्ण भोजन बनाने का दिशा-निर्देश दिया गया।
दूसरी तरफ जिला शिक्षा पदाधिकारी खगड़िया के पत्रांक-2974 दिनांक 13-12-2022 के आदेशानुसार वरीय शिक्षक शंकर मोची को अविलंब प्रभार देने का आदेश दिया गया।स्थानीय ग्रामीणों और बच्चों ने बताया कि,एक भी दिन न ही बच्चों को सही तरीके से भोजन मिलता है और न ही भोजन की गुणवत्ता सही रहती है।कहा गया कि, मेन्यू के अनुसार एक भी दिन भोजन बनता ही नहीं है।गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिलने की शिकायत पर रसोईया ने बताया कि,जो-जो समान प्रधानाध्यापिका द्वारा उपलब्ध कराया जाता है,उसी आधार पर भोजन बनाते हैं।
हालांकि बच्चों को पढ़ाने की जगह चोरी सिखाने को लेकर परिजनों सहित ग्रामीणों ने विद्यालय में हंगामा शुरु कर दिया।आक्रोशित लोगों को समझाते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने आश्वासन दिया कि,दोषी एचएम के विरुद्ध कड़ी कारवाई की जाएगी।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि,पूरे मामले पर गंभीर कार्रवाई होती भी है या नहीं!