गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया।जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।बावजूद इसके उर्वरक की कमी का रोना रोया जा रहा है।जिससे खाद की कालाबाजारी किया जा सके।उक्त बातें बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।किसान नेता श्री टुडू ने कहा कि,नवम्बर माह में भले ही खगड़िया को 50प्रतिशत यूरिया की आपूर्ति हुई,लेकिन दिसंबर माह में खपत या डिमांड से 15 प्रतिशत अधिक यूरिया की आपूर्ति हुई है।फिर भी खुदरा विक्रेताओं द्वारा कृत्रिम अभाव दिखा कर ज्यादा कीमत में यूरिया बेची जा रही है।
किसान नेता ने खगड़िया के जिला कृषि पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,उन्होंने जिले में खाद के कालाबाजारी की खुली छूट दे रखी है।किसान नेता श्री टुडू ने यह भी कहा कि,बीते 26 दिसंबर को मानसी के बीएओ से उन्होंने शिकायत किया था कि,मेसर्स प्रहलाद इंटर प्राइजेज द्वारा ज्यादा कीमत पर यूरिया बेची जा रही है।मानसी बीएओ ने 26 दिसंबर को ही 12.53 बजे दिन में उस दुकानदार से अपने मोबाइल के जरिए बात कराया।उसमें स्वयं दुकानदार यह कह रहा है कि,मैं उधार वाले को 350रुपये तथा नकद वाले को 300 रुपये में यूरिया देता हूं।किसान नेता श्री टुडू ने कहा कि,उनके द्वारा जिला पदाधिकारी को भी पूरा मामला संज्ञान में देते हुए ऑडियो क्लिप भेज दिया था।लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी जिला कृषि पदाधिकारी की चुप्पी बरकरार है।अभी तक जिला कृषि पदाधिकारी अपना हाथ बांधे बैठे हैं।कालाबाजारी पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले जिला कृषि पदाधिकारी उर्वरक की कालाबाजारी में संलिप्त स्वजातीय कृषि समन्वयक सर्वेश कुमार पर इतने मेहरबान हैं कि,उनके विरुद्ध किसी भी तरह की कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।इतना ही नहीं, फर्जी उर्वरक की अनुज्ञप्ति निर्गत करने वाले स्वजातीय कृषि समन्वयक निरंजन हजारी के विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हद तो यह है कि,उर्वरक की कालाबाजारी करने वाले आदर्श कृषि केंद्र रहीमपुर के विरुद्ध मुकदमा तक नहीं किए हैं।जबकि रौन के कृषि सलाहकार तथा मुखिया के विरुद्ध मुकदमा करा दिया गया है।
श्री टुडु ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि,मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं।मेसर्स प्रह्लाद इंटरप्राईजेज के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई तो करें ही,कृषि समन्वयक सर्वेश कुमार तथा मानसी के कृषि समन्वयक प्रवीण कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करते हुए निर्दोष कृषि सलाहकार को दोष मुक्त करना जरुरी समझें,अन्यथा बिहार किसान मंच इन तमाम सवालों को लेकर आगामी चार जनवरी को जिलाधिकारी के समक्ष धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।