मोहम्मद नैयर की रिपोर्ट
खगड़िया।स्वार्थ के इस युग में बिना स्वार्थ के कोई किसी को पहचानने तक से इंकार कर रहा है।स्थिति तो यह है कि, जिस मां ने नौ माह तक कोख में रखकर दुनियां में लाया,उसे भी पहचानने से कलयुगी बेटा इंकार कर रहा है।बूढ़े मां-बाप को बिठाकर खाना खिलाने और उनकी सेवा सुश्रूषा करने की बात तो दूर,उन्हें घर से बेघर करने से भी बाज नहीं आ रहा है।कुछ इसी तरह का मामला बेलदौर थाना अंतर्गत रामनगर से सामने आ रहा है,जहां एक कलयुगी बेटे ने अपने मां और पिता पर मारपीट कर कहर ढ़ाने के बाद घर से बेघर कर दिया है।थानाध्यक्ष के पास अपनी व्यथा-कथा सुनाने आए वृद्ध दम्पति की बातों को सुनकर लोगों का कलेजा पसीज रहा था और लोगों के मुंह से बरवस निकल जा रहा था कि, अब इससे ज्यादा दु:ख की बात क्या होगी कि,जिस मां-बाप ने जन्म देकर पाला-पोसा और जमाने के लायक बनाया, उसी मां-बाप को अभागा पुत्र घर से बेघर कर दिया।
थाना अध्यक्ष को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाने पहुंचे रामनगर गांव निवासी नारायण शर्मा का कहना था कि,घर बनाने के दौरान उसका कमर टूट गया।बैसाखी के सहरे चलना उसकी मजबूरी हो गई है।लेकिन बेदर्द पुत्र द्वारा उसका इलाज तक नहीं करवाया जा रहा है।लंबी बीमारी से जूझ रहे नारायण शर्मा बिलखते हुए कह रहे थे कि,इलाज करवाने के नाम पर दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।लेकिन अपनी पत्नी की बातों पर चलने वाला उनका पुत्र उनका इलाज कराने को तैयार नहीं है।हद तो यह है कि,उनके पुत्र द्वारा पिता और मां को खाना तक नहीं दिया जाता है। जिसके कारण पेट भरने के लिए उन दोनों पति-पत्नी को इधर-उधर भटकना पड़ता है।इधर पति-पत्नी की व्यथा-कथा सुनकर द्रवित हुए थाना अध्यक्ष पंकज प्रकाश ने कहा कि,दिए गए आवेदन के आलोक में मामले की छानबीन करवा रहे हैं।विधिसम्मत कार्रवाई जरुर होगी।