एसडीएफ लाइव इंडिया
खगड़िया।आज गुरुवार अर्थात 23फरवरी के अहले सुबह नगर थाना क्षेत्र स्थित बूढ़ी गंडक पुल पर बड़ा हादसा हो गया।बालू लदे एक अनियंत्रित ट्रक ने बलुआही निवासी संजीत साह के लगभग 18वर्षीय छोटे पुत्र देव कुमार को बुरी तरह रौंद दिया।स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि,देव कुमार का शरीर तीन टुकड़ों में विभक्त हो गया।जबकि वह पुल के पैदल चलने वाली पगडंडी पर टहल रहा था।घटना को लेकर खगड़िया नगर परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद रणवीर कुमार ने बताया कि,प्रत्यदर्शियों के अनुसार एनएच 31 पर दुर्गापुर की ओर से बालू लदे ट्रक का खनन विभाग की गाड़ी पर बैठे खनन विभाग के पदाधिकारी और कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा पीछा किया जा रहा था।बालू लदे ट्रक को पकड़ने के लिए खनन विभाग की गाड़ी द्वारा एनएच 31 पर पीछा किया जा रहा था और ट्रक ड्राइवर ट्रक को तेज गति से भगा रहा था।ट्रक भगाने के दौरान बीच पुल पर दूसरी गाड़ी से ओवरटेक कर ट्रक चालक आगे निकला ही था कि,एक बारात गाड़ी सामने आ गई और ट्रक ड्राइवर उसे बचाने के लिए गाड़ी को दाहिने ओर मोड़ दिया।जिसके कारण ट्रक दाहिने साइड पैदल चलने वाले फुटपाथ पर चढ़कर देव कुमार को पुल के रेलिंग से रगड़ दिया।नतीजतन देव कुमार के शरीर तीन टुकड़ों में विभक्त हो गया।इस दौरान ट्रक का एक्सल टूट गया।जिससे ट्रक नदी में नहीं गिरा।अगर एक्सल नहीं टूटता,तो ट्रक नदी में समा जाता।
इधर ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होते ही पीछा कर रही खनन विभाग की गाड़ी सीधे महेशखूंट की ओर भाग निकली।युवक के दर्दनाक मौत की जानकारी मिलते ही मौका-ए-वारदात पर एकत्रित हुए स्थानीय लोगों का गुस्सा सातवें स्थान पर पहुंच गया।खनन विभाग के पदाधिकारी के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए देव कुमार के परिजन सहित स्थानीय लोगों द्वारा एनएच 31 को तीन घंटे तक जाम रखा गया।परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोग खनन विभाग के पदाधिकारी पर कानूनी करवाई की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।लोगों का कहना था कि, खनन विभाग और परिवहन विभाग के पदाधिकारी द्वारा अवैध वसूली को लेकर सुबह तीन-चार बजे से ही गाड़ी का पीछा किया जाता है।चलती गाड़ी पर डंडे पटके जाते हैं।गाड़ी को पकड़कर खनन और परिवहन विभाग के पदाधिकारी लाख पचास हजार रुपये लेकर छोड़ते हैं।अगर गाड़ी वाले पैसा नहीं देते हैं तो तीन-चार लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया जाता है।बीते दस दिनों से इस तरह खेल चल रहा है।गंडक पुल पर एक दिन पहले भी सुबह इसी तरह की घटना होते-होते रह गई थी।ट्रक एक स्कॉर्पियो को टक्कर देते-देते रह गया था।
दूसरी तरफ आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने में पदाधिकारियों के पसीने छूट गए।हालांकि बाद में पूर्व वार्ड पार्षद रणवीर कुमार के बहुत समझाने के बाद देव कुमार के परिजन और स्थानीय लोगों द्वारा जाम को तोड़ा गया।जाम को तोड़वाने के लिए घटनास्थल पर उप विकास आयुक्त संतोष कुमार,सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुमित कुमार,नगर थानाध्यक्ष बिनोद कुमार सिंह आदि को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा।अंचल अधिकारी के द्वारा राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत मृतक के पिता को बीस हजार रुपये नगद दिए गए।
पूर्व वार्ड पार्षद रणवीर कुमार के द्वारा दाह संस्कार के लिए कबीर अंत्योष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये दिया गया।बहरहाल,घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव-समाज में मातमी सन्नाटा पसर गया है।