खगड़िया(इंदु प्रभा)।
होली आगामी 08 मार्च को है। 27 फरवरी से होलाष्टक काल प्रारंभ होगा,जो होलिका दहन तक रहेगा।इस बीच में कोई भी नवीन कार्य एवं साधना से बचना चाहिए।इस समय में ऐसे कार्यों को निषेध किया गया है।नित्य प्रतिदिन चलने वाले देव पूजन यथास्थिति चलेंगे,परंतु नवीन रुप से देव पूजन कार्य नहीं करना चाहिए।होलाष्टक का दोष होलिका दहन तक माना जाता है।इसके बाद हमलोग पुनः होली का त्यौहार मनाते हुए अपने कार्यों को कर पाएंगे।उक्त बातें,अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र में काशी (वाराणसी) के ज्योतिषी दिव्यांश ने मीडिया से कही।उन्होंने कहा कि,फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक दोष रहता है।इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है।शास्त्र के अनुसार वैदिक मुहूर्त जब समय दोष से युक्त होता है तो उस दौरान किसी भी तरह का कार्य करने से उसके सफल होने की संभावना नहीं होती है।उन्होंने यह भी कहा कि,होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है।जिसका मतलब होता है होली के 8 दिन।
यह 8 दिन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरु होकर फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक रहता है।होली के 8 दिनों पहले के समय को होलाष्टक कहते हैं।होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह बहुत ही उग्र स्वभाव में रहते हैं।जिसके कारण से किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने पर उसका शुभ फल अच्छा प्राप्त नहीं होता।होलाष्टक के दौरान अष्टमी को चंद्रमा,नवमी को सूर्य,दशमी को शनि,एकादशी को शुक्र,द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध,चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहू उग्र स्वभाव में रहते हैं।ग्रह के स्वभाव में उग्रता आने पर जब व्यक्ति किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य करता है या फिर कोई फैसला लेता है,वह शांत मन से नहीं लेता है।जिसके कारण उसके द्वारा लिए गए निर्णय गलत साबित हो सकते हैं।ज्योतिषी दिव्यांश ने कहा कि,ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच के हो या वृश्चिक राशि वाले जातक, या चंद्रमा 6ठें या 8वें भाव में हो,उन्हें ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।इधर,अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द ने कहा कि,ग्रहों की उग्रता के कारण ही होली के आठ दिनों पूर्व शुभ कार्य वर्जित किया गया है।उन्होंने कहा कि,धर्म और शास्त्र के अनुसार चलने से आने वाली बाधाएं अवश्य दूर होती है।होली के दिन एक दूसरे को रंग,अबीर और गुलाल लगाकर मिठाइयां और पकवान खाएं,वैमनस्यता को दूर कर भाईचारा बनाए रखें।महर्षि अरविन्द तथा ज्योतिषी दिव्यांश (काशी) ने देश वासियों को होली की शुभकामनाएं भी दी।