एसडीएफ लाइव इंडिया
खगड़िया।जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान,जल जीवन हरियाली,प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), इंदिरा आवास योजना, जीविका अभिसरण एवं मनरेगा योजनाओं के तहत किए जा रहे विकासात्मक कार्यों की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई की गई।एक-एक बिंदु पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्लाइड दिखाते हुए समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिए गए।जिलाधिकारी ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन क्रियान्वयन के क्रम में उन गांवों को,जहां खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व एवं ठोस या तरल अपशिष्ट का प्रबंधन हो चुका है,उन्हें चिन्हित करते हुए आईएमआईएस पोर्टल पर वरीयता के आधार पर उदयमान,उज्जवल एवं उत्कृष्ट श्रेणी में चिन्हित करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि,सभी पंचायतों के सभी गांवों को लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण में स्वच्छता के उच्चतर मानदंडों का पालन करते हुए मॉडल गांव के रुप में विकसित करना है।लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के तहत गांव, बसावट एवं वार्ड स्तर पर स्वच्छता कर्मियों का दल गठित करते हुए अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित की जा रही है।सभी छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय उपलब्ध कराने, गोवर्धन योजना,शौचालयों की रिट्रोफिटिंग,व्यवहार परिवर्तन हेतु सूचना,शिक्षा एवं संचार गतिविधियां,सामुदायिक शौचालय परिसर के निर्माण के साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
उप विकास आयुक्त संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण में ओडीएफ प्लस का उद्देश्य ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना, संचार एवं शिक्षा (ICE)संबंधी गतिविधियों के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन,सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण एवं उपयोग को बढ़ावा देना, निगरानी समितियों को सक्रिय कर इनकी देखरेख एवं रखरखाव करना,नये परिवारों या छूटे हुए परिवारों के लिए व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण हेतु अभियान चलाना,सेप्टिक टैंक से जोड़कर सोख्ता बनाना तथा चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन करना है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य एवं ओडीएफ प्लस के लक्ष्य को पूरा करना सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।यह सुनिश्चित करना है कि पंचायत में कहीं भी कचरा ना दिखे और पंचायत को मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जाए।जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अधूरे आवासों को निर्धारित समय पर अनुसार पूर्ण कराया जाए। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पेंडिंग आवासों की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिया कि अगले 15 दिन में पूर्ण कराना जरुरी है।उप विकास आयुक्त ने आवास की स्वीकृति एवं प्रथम किस्त के बीच गैप को समाप्त करने का निर्देश दिया।उन्होंने आवास पूर्णता एवं अंतिम/ तृतीय किस्त में भी गैप को समाप्त करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया।
आवास पूर्णता में खराब प्रदर्शन करने वाले आवास सहायकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने एवं इनका मानदेय स्थगित रखने का निर्देश दिया गया।डिलेड हाउसेस अर्थात 18 महीने बीत जाने के बाद भी आवास पूर्ण नहीं होने के मामलों की भी समीक्षा की गई।जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को डिलेड हाउसेस को अविलंब पूर्ण कराने का निर्देश दिया।जिन लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का तीसरा किस्त अभी तक नहीं दिया गया, अविलंब उन्हें तीसरा किस्त उपलब्ध कराने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया।इसी प्रकार इंदिरा आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों को भी शत-प्रतिशत पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने भूमिहीन लाभुकों के संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि, अंचलाधिकारी से समन्वय ट स्थापित करते हुए जहां कहीं भी सरकारी जमीन हो, आवास निर्माण हेतु उन्हें उपलब्ध कराई जाए।सरकारी जमीन उपलब्ध ना होने की स्थिति में वास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत₹60000 की राशि लाभुकों को उपलब्ध कराई जाए,ताकि वह जमीन का क्रय कर सकें।जिले में स्थाई प्रतीक्षा सूची में कमी आई है।हर हाल में सभी योग्य लाभुकों को आवास हेतु भूमि उपलब्ध कराना है।जल जीवन हरियाली की समीक्षा करते हुए मनरेगा के तहत 5 एकड़ तक के सार्वजनिक पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार के संबंध में जिलाधिकारी ने सभी मनरेगा पीओ को निर्देश दिया कि,अविलंब लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं की एमआईएस पर एंट्री कराते हुए कार्य प्रारंभ करें।उन्होंने कहा कि,सभी अमृत सरोवरों पर कार्य प्रारंभ की इंट्री एमआईएस पोर्टल पर कराएं।उन्होंने शेष अमृत सरोवरों पर उप विकास आयुक्त को अविलंब कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि, जितने तालाबों-पोखरों पर काम जारी है,उसकी एंट्री एमआईएस पोर्टल पर कराएं।उन्होंने छोटे तालाबों को भी जल जीवन हरियाली योजना के तहत चयनित करने का निर्देश दिया।उन्होंने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी,मनरेगा को क्षेत्र में भ्रमण कर जल संरचनाओं को देखने का निर्देश दिया।उन्होंने नए खेतपोखरी और तालाब के निर्माण के साथ ज्यादा से ज्यादा पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार का भी निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने मनरेगा के अंतर्गत अतिरिक्त श्रम दिवसों के सृजन का भी निर्देश दिया।
भवनों में छत वर्षा जल संचयन एवं सार्वजनिक चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण के संबंध में भी लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया गया।जल जीवन हरियाली अंतर्गत चयनित योजनाओं की भौतिक प्रगति एवं एमआईएस पर प्रविष्टि के बीच गैप को समाप्त करने का निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि,हर चयनित योजना का एमआईएस पर एंट्री सुनिश्चित कराई जाए।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि,चयनित योजनाओं के कार्य पूर्णता के साथ उसकी एंट्री भी एमआईएस पोर्टल पर किया जाना आवश्यक है।
जिलाधिकारी द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रमों के भी विस्तार से समीक्षा की गई और जिले को वृक्षारोपण हेतु राज्य द्वारा मिले लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश मनरेगा के कनीय अभियंताओं एवं पंचायत रोजगार सेवकों को दिया गया।उन्होंने वृक्षारोपण के साथ वनपोषकों की बहाली, नियमित पानी डालने एवं चापाकल लगाने का भी निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि, जल जीवन हरियाली अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण हेतु एवं पर्यावरण में आए बदलाव से निपटने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विकास संबंधी इस समीक्षा बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी,कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा),कनीय अभियंता (मनरेगा) पंचायत तकनीकी सहायक लेखा सहायक आवास पर्यवेक्षक एवं प्रखंड समन्वयक (लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान) उपस्थित थे।