एसडीएफ न्यूज ब्यूरो
मुजफ्फरपुर।शराबबंदी के बाद से बिहार में शराब के कारोबार को लेकर तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।आपके सामने जुगाड़ तकनीक से किए जा रहे शराब तस्करी के बहुत मामले सामने आए होंगे,लेकिन यह जानकार आपको आश्चर्य लगेगा कि,चिताओं को जलाने की आड़ में शराब बनाने का कारोबार भी चरम पर है।कहां-कहां इस तरह का खेल हो रहा है,यह तो पुलिसिया जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।लेकिन मुजफ्फरपुर से जो तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है,वह देखकर पुलिस पदाधिकारी भी हक्के-बक्के हैं।हालांकि पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस टीम और बिहार एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक देसी कारबाइन,एक पिस्टल और 9 गोलियां बरामद की गई है।
दरअसल,बिहार एसटीएफ और पुलिस को खुफिया एजेंसी से गोपनीय जानकारी मिली कि,जिले के सदर थाना क्षेत्र के सुस्ता के समीप एक सामुदायिक भवन में किसी घटना को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक हथियारों के साथ कुछ अपराधी समुदायिक भवन को ठिकाना बनाए हुए हैं।सूचना मिलते ही दोनो टीमों द्वारा की गई एक साथ छापेमारी के दौरान एक देसी कारबाइन,एक पिस्टल और 9 गोलियां बरामद हुई।इस बरामदगी को लेकर सदर थाना में अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है,लेकिन अभी तक अपराधियों को चिन्हित नहीं किया जा सका है।
आपको बता दें कि,2 दिनों पूर्व इसी सामुदायिक भवन से महज कुछ दूरी पर श्मशान घाट से सदर थाना पुलिस ने अवैध शराब निर्माण की भठ्ठी को पकड़ा था।इस दौरान भी पुलिस हक्का बक्का रह गई थी कि जहां लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है,वहां अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।आस-पास के लोग बताते हैं कि,धुआं देखकर यह कभी आकलन नहीं कर पाते थे कि किसी की डेड बॉडी जल रही है या फिर अवैध शराब बन रहा है।लेकिन पुलिस को यह सूचना मिली कि अवैध शराब का अच्छा कारोबार इस श्मशान घाट से हो रहा है।उसी की निशानदेही पर पुलिस ने छापेमारी की तो अवैध शराब भट्ठी का भंडाफोड़ हुआ।अब दो दिनों बाद इस क्षेत्र स्थित एक सरकारी सामुदायिक भवन से अवैध हथियारों बरामद होना आश्चर्य का विषय है।स्थानीय लोगों का कहना है कि,यह हथियार अवैध शराब कारोबारियों के हैं या फिर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए अपराधी कर्मी यहां रखे थे!यह गंभीर जांच का विषय है।
फिलहाल 2 दिनों में स्थानीय पुलिस और एसटीएफ को दो सफलताएं जरुर मिली है।लेकिन दोनों उपलब्धियों ने कई सवालों को जन्म भी दे दिया है।अगर अवैध शराब कारोबारियों का यह हथियार है तो यह कहा जा सकता है कि बड़े कारोबारियों के संरक्षण में यह कारोबार चल रहा था।या फिर यह भी कहा जा सकता है किसी बड़े अपराधकर्मी गिरोह द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश होने वाली थी।
पुलिस ने फिलहाल अपराधियों के मंसूबों पर पानी तो फिर दिया है,लेकिन पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि बरामद किए गए हथियार शराब माफियाओं के थे या फिर बड़े अपराधियों के! किस कारण से यहां हथियार रखे गए थे!फिलहाल अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस अनुसंधान में जुट गई है।इधर,सदर थाना अध्यक्ष सतेंद्र मिश्रा ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर बिहार एसटीएफ और जिला पुलिस की टीम संयुक्त कार्रवाई करते हुए सदर थाना क्षेत्र स्थित सुस्ता सामुदायिक भवन से एक कार्बाइन एक पिस्टल और 9 गोली बरामद की गई है।अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस अनुसंधान में जुटी है।