राजेश सिन्हा की रिपोर्ट नौकरियों में स्वागत,सम्मान और विदाई का सिलसिला चलता ही रहता है।लेकिन किसी भी तरह की विदाई सभी के लिए काफी दुखदायी होती है।उक्त बातें खगड़िया के पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने आज 16 अप्रैल को जिला मुख्यालय स्थित शहर के सुप्रसिद्ध आदर्श बापू मध्य विद्यालय बलुआही में स्कूल के संस्कृत शिक्षक राजेंद्र कुमार राजेश जी को विदाई देने के बाबत आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही।विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रमणि मिश्र के नेतृत्व में आयोजित इस विदाई सह सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने कहा कि वह लोग बराबर विद्यालय का निरीक्षण किया करते रहे हैं। इस दौरान महसूस किया गया कि संस्कृत के काबिल शिक्षक राजेन्द्र कुमार राजेश जी का विचार छात्र-छात्राओं को काफी रास आता है।उनकी सोच का ही परिणाम रहा कि विद्यालय के सभी शिक्षक और बच्चे सम्मान पूर्वक उनके बताए गए दिशा निर्देश पर हमेशा चलते रहे। *************************************************** पूर्व नगर सभापति श्री यादव के मुताबिक संस्कृत के शिक्षक होने के नाते छात्र-छात्राओं का जुड़ाव उनसे काफी अधिक रहता था।उनकी विदाई के इस पल पर यह कहना श्रेयस्कर होगा कि उनके विद्यालय छोड़ने के बाद सभी को उनकी कमी महसूस होगी।लेकिन राजेन्द्र जी के बताए गए रास्ते पर निश्चित रुप से छात्र-छात्राओं को चलना चाहिए।प्रधानाध्यापक चंद्रमणि मिश्र एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने संयुक्त रुप से कहा कि इनके कार्यकलाप की प्रशंसा पूर्व में भी विद्यालय में होती रही थी और इनके विद्यालय छोड़ने के बाद भी इनकी प्रशंसा होती रहेगी।राजेन्द्र बाबू का मार्गदर्शन हम शिक्षकों को मिलता रहा, उसे ध्यान में रखकर आगे भी उनकी सोच को मजबूती के साथ छात्र -छात्राओं के बीच वह लोग रखेंगे।इनकी कमी तो सभी को जरुर खलेगी,लेकिन इनकी यादें स्कूल के छात्र छात्राएं और सभी शिक्षकों के जेहन में हमेशा रहेगी।इधर राजेंद्र कुमार राजेश ने कहा कि उनके अंदर पहले से ही बहुत प्रतिभा रही है,लेकिन दूसरी जगह वह अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पा रहे थे।बापू मध्य विद्यालय में आए, तो वह अपनी प्रतिभा को निखारने में भी कामयाब रहे।उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि उन्हें इस स्कूल से बहुत कुछ प्राप्त हुआ है।उन्होंने कहा कि मुझे इस विद्यालय से जो सम्मान द्वारा दिया जा रहा है,इसके लिए वह सदैव ऋणी रहेंगे।कहा कि मुझे भी विद्यालय छोड़ने का बहुत दुख है।लेकिन जब भी विद्यालय को उनकी जरूरत होगी, आजीवन विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को मार्गदर्शन देते रहेंगे।जरुरत के हिसाब से मदद करते रहेंगे।इस अवसर पर सिकंदर प्रसाद,मुकेश कुमार,चंदन कुमार,श्रीमती रंजू देवी, श्रीमती सीता कुमारी,श्रीमती स्वर्णरेखा,करण प्रिया, अभिनव रोशन,रिपुंजय निराला,अंशुमान,मोहम्मद वसीम,गौरव जी,रोशन राणा, गुड्डू जी,नंदकिशोर सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं की मौजूदगी रही। ****************************************************
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