एसडीएफ न्यूज ब्यूरो
खगड़िया।अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के धराशायी होने के बाद से चारो ओर कोहराम मचा है।सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के द्वारा एक-दूसरे पर दोषारोपण किया जा रहा है।लेकिन कोई भी जनता को यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि,गंगा में समाई भारी धनराशि का बोझ अगर जनता पर पड़ेगा,तो इसके लिए जिम्मेवार आखिर कौन-कौन है!इस बीच बीते 4 जून को अगुवानी-सुल्तानगंज गंगा पुल के ध्वस्त होने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खगड़िया सदर के पूर्व विधायक रणवीर यादव ने कहा है कि नॉर्थ बिहार सहित नेपाल,दक्षिण बिहार,झारखंड एवं बंगाल को जोड़ने को ले 1710 करोड़ की लागत से बनने वाले निर्माणाधीन पुल का अलग-अलग हिस्सा तेरह महीने में दो बार ध्वस्त होना भारी पैमाने में भ्रष्ट्राचार और लूट-खसोट को प्रमाणित करता है।
श्री यादव ने कहा कि सरकारी पैसे का बंदरबाट पुल निर्माण कार्य के शुरुआती दौर से ही चला आ रहा है।श्री यादव ने कहा कि इस पुल निर्माण कार्य में लगे एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन कंपनी,सरकारी महकमों के अधिकारी एवं राज्य पुल निर्माण निगम के साथ-साथ इंजीनियर तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि पूर्णरुपेण जिम्मेवार हैं।इस घटना की जांच सीबीआई से कराने के लिए हम पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश पुल अथवा पथ निर्माण कार्य इसी कम्पनी के जिम्मे है।यह गहन सोचनीय विषय है कि कम्पनी के पास कार्यबोझ अधिक है,फिर भी किन परिस्थितियों में उसी कम्पनी के ही नाम नया कार्य आवंटन किया जाता है।इन्ही सब विषयों को दरकिनार किए जाने के कारण राज्य की जनता को भारी क्षति और नुकसान उठाना पड़ रहा है।