इरशाद अली/खगड़िया ब्यूरो
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की डिग्री,उनका नाम और चुनावी हलफनामे में उनके तरफ से दर्शाए गए उम्र में फर्जीवाड़ा है।इस गंभीर मसले पर उन्हें जबाव देना चाहिए।उक्त बातें जदयू के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने आज बुधवार को कचहरी रोड स्थित जदयू कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।जदयू के जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री तथा जिला उपाध्यक्ष उमेश सिंह पटेल की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी के चुनावी हलफनामे को देखकर ये कहा जा सकता है कि राजनीतिक मंसूबों को हासिल करने के लिए उन्होंने तथ्यों के साथ गंभीर रूप से छेड़छाड़ किया है।एक ऐसे नेता जो वर्त्तमान में प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद् में प्रतिपक्ष के नेता हैं,पूर्व में बिहार सरकार के मंत्री रह चुके हैं, उनके चुनावी हलफनामे में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ गंभीर सवाल खड़ी करती है।यह नि:संदेह राजनीतिक फर्जीवाड़ा है।जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सम्राट चौधरी ने वर्ष 1996 में मैट्रिक की परीक्षा पास की,जिसमें उनका नाम सम्राट चौधरी मौर्य लिखा गया है।जबकि वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान पेश हलफनामे में उन्होंने अपना नाम राकेश कुमार बताया है।वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी हलफनामे में अपना नाम सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार दर्शाया है।वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने जो चुनावी हलफनामा दायर किया है,उसमें उन्होंने अपना नाम सम्राट चौधरी लिखा है।जदयू जिला अध्यक्ष ने सम्राट चौधरी से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर उनका सही नाम और सही डिग्री क्या है?इसकी जानकारी उन्हें देनी चाहिए।
श्री मंडल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सम्राट चौधरी ने वैसा ही फर्जीवाड़ा अपनी पढ़ाई को लेकर किया है।उन्होंने साल 1996 में मैट्रिक की परीक्षा तृतीय श्रेणी से पास की,लेकिन साल 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान पेश हलफनामे में उन्होंने अपनी शिक्षा सातवीं पास बतायी है।साथ ही साल 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान पेश हलफनामे में उन्होंने अपनी शिक्षा सातवीं पास ही बतायी है तो डी.लिट. की उपाधि कब और कैसे लिये,ये संदेहास्पद है।जहां से उन्होंने डी.लिट.की उपाधि ली है,वो विश्वविद्यालय भी फर्जी है और इंटरनेट पर भी उस कथित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की चर्चा नहीं है।
जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने सम्राट चौधरी के उम्र को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।उन्होंने सम्राट चौधरी से सवाल पूछते हुए कहा कि साल 2005 में उनकी उम्र थी 26 साल,2010 में उनकी उम्र हो गई 28 साल और फिर साल 2020 में उनका उम्र हो गया 51 साल।आखिर ये कौनलसा फर्जीवाड़ा है और उम्र बढ़ने की गणना है,जो साल के साथ घटती- बढ़ती नहीं है,बल्कि सम्राट चौधरी के मन के मुताबिक घटती-बढ़ती है?जिला अध्यक्ष ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से गंभीर सवाल पूछते हुए निम्न सवालों का सीधा जवाब मांगा है और कहा है कि बीजेपी के तथाकथित तेज तर्रार प्रदेश अध्यक्ष जी ये बताएं कि साल 1996 में आपका रौल कोड 3218,रौल नम्बर 19 था या नहीं और आपको 266 नम्बर मिले या नहीं?साल 1996 में जिस सम्राट चौधरी मौर्य ने मैट्रिक की परीक्षा तृतीय श्रेणी में पास की वो सम्राट चौधरी मौर्य साल 2005 में राकेश कुमार कैसे बन गए?बीजेपी के बयानवीर प्रदेश अध्यक्ष जी ये बताएं कि आपका नाम मैट्रिक में सम्राट चौधरी मौर्य, साल 2005 में राकेश कुमार, साल 2010 में सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार और 2020 में सम्राट चौधरी, पिता शकुनी चौधरी है,तो इनमें कौन सी जानकारी सही है? खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी समझने वाले बीजेपी नेता ने अपनी उम्र को लेकर भी धज्जियां उड़ा दी है।चुनावी हलफनामे के मुताबिक साल 2005 में 26 वर्ष, 2010 में 28 वर्ष और साल 2020 में उनका उम्र 51 वर्ष दर्ज है,तो ऐसे में उनका कौन सा उम्र सही है,इस बात की जानकारी दें?चुनावी हलफनामे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी डी.लिट. की उपाधि कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय से हासिल करने की जानकारी दी है।अब जानकारी के मुताबिक अमरीका में कैलिफोर्निया नाम से सिर्फ दो यूनिवर्सिटी है।पहला कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी और दूसरा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया।ऐसे में बीजेपी के महान प्रदेश अध्यक्ष जी के द्वारा अमरीका में तीसरी यूनिवर्सिटी कहां से पैदा कर दिया गया है?
मौके पर जदयू के जिला उपाध्यक्ष रामविलाश महतो,जिला महासचिव मो0 नासीर इकबाल सावन कुमार,मनीष कुमार,अंगद कुमार, जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष प्रवीण चौरसिया,सेवा दल के निर्वर्तमान जिला अध्यक्ष पंकज चौधरी, जिला सचिव कमल किशोर पटेल,पंकज पासवान,दीपक सिंह एवं राजीव ठाकुर आदि सहित पार्टी के दर्जनों साथी उपस्थित थे।