आखिर कौन-कौन कर रहा दूध के नाम पर काला कारोबार!जहां बहती है दूध की नदियां…वहां बिक रहे जहरीले पनीर,दूध के नाम पर काला कारोबार करने वाले गिरोह की सक्रियता बढ़ी, बिहार-झारखंड व बंगाल तक फैला कारोबार
अगर आप सेहत को तंदुरुस्त रखने के लिए दूध और पनीर का सेवन कर रहे हैं,तो अब आप पूरी तरह सावधान हो जाइए।संभव है कि जिस दूध और पनीर का आप सेवन कर रहे हों,वह आपके लिए धीमा जहर साबित हो और आप रोग को गले लगा बैठें।दरअसल,दूध के साथ-साथ पनीर को अधिक दिनों तक खराब नहीं होने व स्वादिष्ट बनाए रखने के लिए एक संगठित गिरोह के द्वारा इस तरह के धंधे को उभार दिया जा रहा है।
दूध को अधिक दिनों तक फटने व दूध के साथ-साथ पनीर को अधिक दिनों तक खराब नहीं होने व स्वादिष्ट रखने के लिए फॉर्मलीन आईपी जैसे केमिकल उसमें मिलाए जा रहे हैं।दूध जैसे अमृत के नाम पर जहर बेचने वाले अब सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित खगड़िया जिले में भी सक्रिय हो चुके हैं।हालांकि इस तरह का धंधा बिल्कुल नया नहीं है। पहले तो महानगरों से इस तरह की खबरें आती थी,कि मिलावटी दूध और पनीर खाकर लोग बीमार पड़ गए। मिलावटी दूध और पनीर का कारोबार चरम पर है।लेकिन अब खगड़िया जिले में भी ऐसे धंधेबाजों की सक्रियता बढ़ गई है,जो दूध के नाम पर काला कारोबार कर रहे हैं ।कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि लोग अब बाजार में खुले तौर पर मिल रही दूध और पनीर के साथ-साथ दही से भी परहेज कर लें।क्योंकि विभिन्न घरों से लेकर होटल व रेस्तरां तक पहुंच रही दूध और पनीर जहरीले कहे जा रहे हैं। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जिले के मानसी थाना अंतर्गत खुटिया निवासी धर्मेंद्र यादव ने जिला पदाधिकारी,सिविल सर्जन तथा पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर जो राज खोला है,वह काफी डराने वाला है।उन्होंने दूध और पनीर के नाम पर काला धंधा करने वाले धंधेबाजों को बेनकाब करते हुए कहा है कि मानसी प्रखंड मुख्यालय के आस-पास सक्रिय इंसानियत के दुश्मनों द्वारा दूध एवं पनीर में फॉर्मलीन व आईपी जैसी जहरीली दवा मिलाकर जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।धर्मेन्द्र ने दावे के साथ कहा है कि सरकार के द्वारा बहाल जनक निरीक्षक व अन्य पदाधिकारी कार्यालय में ही बैठकर अपनी ड्यूटी निभाते हैं।कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि इस तरह के कारोबार की जानकारी संबंधित विभाग को भी है,लेकिन मिलीभगत के कारण आंख मूंद लेना बाबुओं की आदत सी बन गई है।नतीजतन उक्त सामग्रियों का निरंतर सेवन करने वाले लोग किडनी व लीवर से संबंधित गंभीर बीमारियों के साथ-साथ अन्य कई घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• अब सवाल यह उठता है कि फॉर्मलीन आई.पी. नामक दवा आखिर है क्या,तो जानकार बताते हैं कि ब्लड जांच के दौरान इस केमिकल का उपयोग तो किया ही जाता है,मुर्दों को अधिक देर तक सुरक्षित अर्थात दुर्गंध नहीं दे,इसके लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।इन केमिकलों की वजह से दूध और पनीर अधिक दिनों तक सुरक्षित तो रहते ही है,स्वादिष्ट भी रहता है।धर्मेन्द्र ने इस काले कारोबार का पर्दाफाश करते हुए कहा है कि शादी-विवाह जैसे अवसरों पर संगठित कारोबारियों द्वारा जहरीले कहे जाने वाले दूध और पनीर उपलब्ध कराए जाते हैं।इस तरह की दूध से रसगुल्ले व दही सहित अन्य खाद्य सामग्रियां बनाई जाती है।धर्मेन्द्र के मुताबिक मानसी बाजार के पोस्ट ऑफिस रोड एवं मटिहानी ढ़ाला के समीप एनएच-31 के किनारे जहरीली दूध एवं पनीर का कारोबार चरम पर है।कहा कि केमिकल मिश्रित दूध एवं पनीर के कारोबार पर रोक लगाने का आग्रह उसने मानसी के अंचलाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और थानाध्यक्ष मानसी से भी लिखित तौर पर की है। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• दूसरी तरफ इस तरह के काले कारोबार से जुड़े एक धंधेबाज ने दबे जुबां में बताया कि मानसी सहित अन्य जगहों पर भी दूध व्यवसायियों के द्वारा दूध में जहरीला केमिकल मिलाने का कारोबार किया जाता है।यह खेल कई वर्षों से जारी है।उसने जहरीले दूध से बन रहे पनीर के कारोबार पर चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के विभिन्न जिलों सहित झारखंड और बंगाल तक यह कारोबार फैला हुआ है।बड़े-बड़े कारोबारियों द्वारा अपने अपने एजेंट के जरिए जहरीले पनीर को यहां से मंगवाया इसलिए जाता है, क्योंकि यहां दूध की किल्लत नहीं है और पनीर सस्ती पड़ती है।उसने खुले दिल से यह बताया कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने लोग इस जहरीली दूध से बने पनीर खाकर गंभीर बीमारी के चपेट में आ चुके होंगे।अब जबकि लॉक डाउन है,जिसके कारण दूध की खपत कम हो गई है। स्थानीय होटल,रेस्तरां आदि बंद पड़े हैं।इसलिए दूध व्यवसायियों द्वारा आपूर्ति पहले से अधिक की जाने लगी है।पनीर खपत से अधिक बनाकर दूध को खराब होने से बचा लिया जाता है।लेकिन पनीर गंतव्य तक भेज पाना खासा मुश्किल होता है।इसलिए केमिकल का इस्तेमाल अधिक करना पड़ रहा है।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि खगड़िया के उर्जावान व सामाजिक मामलों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते आ रहे जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष तथा पुलिस कप्तान अमितेश कुमार द्वारा इस मामले को ले कितनी गंभीर कार्रवाई कब तक की जाती है! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
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