गौरव सिन्हा
खगड़िया प्रखंड अंतर्गत जहांगीरा पंचायत में आज सोमवार अर्थात 22 नवम्बर को उपविकास आयुक्त श्रीमति अभिलाषा शर्मा द्वारा अगहनी धान फसल के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया गया।बिहार के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय,योजना एवं विकास विभाग,द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजनान्तर्गत खरीफ फसल, भदई मकई और अगहनी धान का पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है,जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग किया जाता है।बताया गया कि फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है,वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर बीमित फसलों हेतु क्षतिपूर्ति का निर्धारण भी सहकारिता विभाग,बिहार द्वारा किया जाता है।इतना ही नहीं,इसके आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधित नीतियों को तय करने में भी किया जाता है।
बताया गया कि कृषि वर्ष 2021-22 के अधिसूचित एवं बीमित फसल अगहनी धान के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता विनोद कुमार कर्ण,अंचल निरीक्षक, खगड़िया द्वारा फसल कटनी प्रयोग का संपादन किया गया।फसल कटनी प्रयोग के संपादन के दौरान उप विकास आयुक्त ने इसकी प्रक्रिया के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की और धैर्यपूर्वक फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया।
जानकारी के मुताबिक फसल कटनी प्रयोग के लिए जहांगीरा के चयनित खेसरा संख्या 395 पर स्थित दिलीप सिंह के खेत का चयन किया गया।फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड में लगी अगहनी धान की फसल की कटाई कराई गई और इसका चित्र एवं डाटा सीसीई ऐप पर अपलोड किया गया।बता दें कि प्रत्येक फसल कटाई प्रयोग का चित्र एवं डाटा क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट ऐप पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है, जिसमें खेत का जीपीएस लोकेशन भी दर्ज होता है।
उप विकास आयुक्त श्रीमति अभिलाषा शर्मा की उपस्थिति में फसल कटाई के बाद उसकी पिटनी एवं दौनी कार्य किया गया,जिससे प्राप्त धान के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए फसल के दाने का वजन 8.250 किलोग्राम मापा गया।इस आधार पर प्रति हेक्टेयर धान की उत्पादकता 16.5 क्विंटल आंकी गई।चूंकि फसल कटनी प्रयोग के दौरान चयनित खेसरा पर निचली भूमि होने के चलते पानी का जमाव लंबे समय तक था और अक्टूबर माह में बारिश की वजह से भी फसल को क्षति पहुंची थी।इसलिए कटनी प्रयोग से प्राप्त हरे दाने का वजन कम प्राप्त हुआ। प्रयोग से प्राप्त धान के हरे दाने को बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन भी ज्ञात किया जाना है।
निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त ने प्रयोग से प्राप्त हरे धान के दाने का सही वजन दर्ज करने पर बल दिया। ताकि,सामान्य से कम उपज दर प्राप्त होने पर किसानों को बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत क्षतिपूर्ति प्रदान की जा सके।उप विकास आयुक्त द्वारा स्थानीय कृषकों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली गई।प्रयोग के दौरान उपस्थित किसानों एवं जनप्रतिनिधियों ने बताया कि कृषि समन्वयक श्रीमती तनुप्रिया क्षेत्र में नहीं आती हैं।नतीजतन किसानों के बीच रबी बीज का वितरण नहीं हो सका है और ना ही उन्हें कृषि इनपुट का लाभ मिल पाता है।किसान दिलीप सिंह ने उप विकास आयुक्त को बताया कि उन्हें अभी तक कृषि विभाग के किसी योजना का लाभ नहीं मिला है।स्थानीय कृषि समन्वयक के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर उप विकास आयुक्त ने उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया।
पंचायत के एक खेत में पुआल जलाने की घटना का भी उन्होंने जायजा लिया और संबंधित किसान को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित रखने का निर्देश दिया।जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार भी मौके पर पहुंचकर खेत में पुआल जलाने वाले किसान के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसे कृषि विभाग के लाभदायक योजनाओं से अगले 3 साल तक वंचित करने का निर्देश दिया। कृषि समन्वयक के साथ प्रखंड कृषि पदाधिकारी अभिमन्यु कुमार के भी सूचना के बावजूद अनुपस्थित रहने पर डीडीसी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और प्रखंड कृषि पदाधिकारी से भी स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया।