नैयर आलम की रिपोर्ट बेलदौर(खगड़िया)। मकई एव गेहूं की फसल में वृद्धि नहीं होने के कारण किसानों को तरह-तरह की चिंता सताने लगी है।मायूस किसानों का कहना है कि कंपकंपाती ठंड ने मकई के फसल में वृद्धि नहीं होने दी।नतीजतन कमर तोड़ कर रख दिया है।मालूम हो कि बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में किसानों के मकई एवं गेहूं के फसल ठंड के कारण बर्बाद हो चुके हैं।इस संबंध में सकरोहर, बेलदौर व कुर्बन के किसान फूलेन सिंह,फुदीन सिंह,सोभी साह,अनिल साह,लंबू सिंह, दाहो साह समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि इस वर्ष काफी ठंड होने के कारण किसानों के खेत में लगे गेहूं एवं मकई बर्बाद हो चुके हैं।किसानों ने बताया कि ठंड के कारण मकई में कीड़े लग जाने के कारण मकई के फसल में वृद्धि नहीं होने से वह लोग चिंतित हैं।किसान फुदीन सिंह ने बताया कि एक बीघे मकई की खेती करने के एवज में काफी खर्च हुए, लेकिन इस बार किसानों की कमर टूट चुकी है।जोताई करने में चार हजार,बुआई करने में करीब चार हजार, बीज खरीदने में पांच हजार रुपए एवं पटवन करने में करीब साढ़े चार हजार खर्च हुए हैं। ========================= मायूस किसानों का कहना है कि समय पर जब फसल कटाई कर किसान फसल को घर ले जाते हैं तो 1 बीघा में करीब 80 मन मकई दिखाई देता है।उस वक्त मकई बेचने के समय में मकई का वाजिब रेट नहीं मिलने के कारण मकई बेचकर किसान महाजनों को पुराने हिसाब का पैसा भी नहीं दे पाते हैं।पुराने हिसाब में ही राशि खत्म हो जाती है।तब पर भी 10 से 15 हजार रुपये कर्ज ही रह जाता है।कोरोना काल में किसानों की कमर टूट चुकी है।जिस कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ==========================
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