खगड़िया।
बिहार के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा भूमि विवाद पर अंकुश लगाने के बावत तमाम उपाय किए जाने के बाद भी भूमि विवाद की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।स्थिति यह है कि राजस्व कर्मचारी,सीओ सहित विभिन्न थाना के थानेदार भूमि विवाद को नजरअंदाज करते जा रहे हैं और भूमि विवाद के कारण ना केवल हिंसक घटनाएं हो रही है बल्कि लोगों की अनवरत जानें भी जा रही है।बात अलग है कि खगड़िया के जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष द्वारा भूमि विवाद पर अंकुश लगाने के बावत तमाम तरह के जतन किए जा रहे हैं।इसी कड़ी में बीते शनिवार अर्थात 30 जुलाई को जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में भूमि विवाद
निराकरण संबंधित मासिक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया।
अपर समाहर्ता के साथ-साथ अन्य संबंधित पदाधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित इस बैठक में जिले में भूमि विवाद के चालू मामलों की समीक्षा तो की ही गई,आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए।इस समीक्षात्मक बैठक में भूमि विवाद से संबंधित जिलास्तरीय मामलों की समीक्षा की गई।नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश जारी करते हुए विशेष रुप से सबलपुर में जमीन कब्जा को लेकर हुए भूमि विवाद की समीक्षा की गई।यहां यह बताना जरुरी है कि इस भूमि विवाद के मामले में बहुत से लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।नतीजतन अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को विशेष रूप से निगरानी रखने का निर्देश दिया गया।इसी प्रकार दो समुदायों के बीच भूमि विवाद को लेकर 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के मामले पर चर्चा करते हुए कहा गया कि दंगाइयों पर विधि सम्मत कार्रवाई चल रही है।इसलिए इस मामले में भी विशेष रूप से चौकस रहते हुए निगरानी रखना जरुरी है,ताकि स्थिति नियंत्रण में रह सके।
मौके पर भूमि विवाद के अन्य सभी मामलों पर निगरानी रखते हुए नियमानुकूल कार्रवाई करते हुए निष्पादन करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा जारी किया गया।इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि महीने में 2 दिन संयुक्त रूप से बैठकर थाना स्तर पर अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष द्वारा प्रतिवेदित भूमि विवाद के मामलों की समीक्षा करेंगे।इतना ही नहीं विवाद के निष्पादन की स्थिति की भी समीक्षा करेंगे।भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण हो,मामलों को अनावश्यक लंबित ना रखा जाए,निष्पक्षतापूर्वक नियमानुसार कार्रवाई करनी है।ऐसा भी दिशा-निर्देश जारी किया गया।
डीएम ने सभी स्तर पर भूमि विवाद के मामलों के तीव्र निष्पादन पर बल दिया।जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अंचल स्तर पर भूमि विवाद के निराकरण के संबंध में पुलिस थाने में आयोजित जनता दरबार का निरीक्षण तो करेंगे ही,विवादों का सतत अनुसरण करते हुए अनुमंडल में मासिक स्तर पर दो बैठकें आयोजित कर भूमि विवादों के निराकरण का प्रयास भी करेंगे।इसकी कार्रवाई भी अपलोड करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
डीएम ने यह भी कहा कि धारा 144 से संबंधित मामलों की भी समीक्षा करते हुए इनका अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।जिलास्तरीय भूमि विवादों से संबंधित वादों की भी सतत निगरानी करने का आदेश जारी करते हुए कहा गया कि निष्पादित होने योग्य वादों का त्वरित निष्पादन किया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।