सीएम द्वारा उद्घाटित पर्यवेक्षण गृह का डीएम ने किया शुभारंभ,खगड़िया और बेगूसराय जिले के विधि विवादित बालकों एवं किशोरों के लिए है मुकम्मल व्यवस्था, त्रिनेत्र से होगी निगरानी*
राजेश सिन्हा
स्थानीय ईवीएम गोदाम के समीप बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्मित पर्यवेक्षण गृह का शुभारंभ आज शनिवार अर्थात 29 मई को खगड़िया के जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष द्वारा किया गया।इसके पूर्व डीएम ने घूम-घूम कर इस गृह का निरीक्षण किया और इसकी व्यवस्था के बारे में जानकारी भी ली।बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी सहायक निदेशक टेशलाल सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पर्यवेक्षण गृह से संबंधित सभी कर्मियों की न केवल नियुक्ति हो चुकी है बल्कि सभी ने योगदान भी दे दिया है।बताया गया कि पर्यवेक्षण गृह में एक अधीक्षक,हाउस फादर, रसोईया,सहायक और सफाई कर्मी की नियुक्ति की गई है।पर्यवेक्षण गृह के चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से ऊंची चहारदीवारी बनी हुई है।जिलाधिकारी ने पर्यवेक्षण गृह की व्यवस्था एवं उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए आवश्यक निर्देश भी दिया।
बता दें कि किशोर न्याय अधिनियम,2015 एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 के प्रावधानों के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा पर्यवेक्षण गृह का निर्माण कराया गया है।पहले उसे बाल सुधार गृह कहा जाता था। किंतु अधिनियम लागू होने के बाद इसका नाम बदल कर पर्यवेक्षण गृह रखा गया है।इस पर्यवेक्षण गृह का उद्घाटन बीते 08 अगस्त 20 को बिहार के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा किया गया था।इस पर्यवेक्षण गृह में अधिकतम 50 किशोरों को रखा जा सकता है।
इसमें 18 वर्ष से कम आयु के विधि विवादित बच्चों को किशोर न्याय परिषद के निर्देश के आलोक में संरक्षण एवं आवासन कराया जाता है।इतना ही नहीं, इनके लिए भोजन एवं शिक्षा की व्यवस्था तो की जाती है,अन्य सुधारात्मक गतिविधियां भी कराई जाती हैं।ऐसे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए ही पर्यवेक्षक स्थापित किया गया है।विदित हो कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के किशोरों के विधि विवादित मामलों का निपटारा किशोर न्याय परिषद द्वारा किया जाता है।पर्यवेक्षण गृह में ही किशोर परिषद भी संचालित होगा और इसके प्रधान सदस्य एवं अन्य 2 सदस्यों के लिए भी कमरे बने हुए हैं।
खगड़िया में शुभारंभ किए गए इस पर्यवेक्षण गृह में केवल विधि विवादित बालकों को रखा जाएगा,बालिकाओं को नहीं।निगरानी के लिए सीसीटीवी की भी व्यवस्था है, जिसकी मॉनिटरिंग राज्य स्तर से की जाती है।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी यहां आवासीय किशोरों के मामलों की सुनवाई की जा सकेगी।खगड़िया और बेगूसराय जिले के विधि विवादित बालकों एवं किशोरों का आवासन इस पर्यवेक्षक गृह में किया जाएगा।
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