डीएम आलोक रंजन घोष ने आखिर क्यों दिया कैथी लिपि के संरक्षण की आवश्यक्ता पर बल!कहा- पुस्तकालय से बच्चों का जुड़ाव संस्कृति और संस्कार के लिए बेहद जरूरी।।*
राजेश सिन्हा की रिपोर्ट बच्चों के समन्वित विकास और उनमें अच्छे संस्कार डालने के लिए बच्चों को पुस्तकालय से जोड़ना जरुरी है।विज्ञान और तकनीक के इस युग में पुस्तकालय का चलन कहीं पीछे छूटता जा रहा है।जिसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।खगड़िया जैसे जिले में पुस्तकालय की कमी काफी पीड़ादायक रही है।देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद सार्वजनिक पुस्तकालय, चित्रगुप्तनगर खगड़िया के माध्यम से एक अच्छी पहल की गयी है।इसके लिए आयोजक बधाई के पात्र हैं।उक्त बातें खगड़िया के जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने चित्रगुप्तनगर स्थित कैथी लिपि अध्ययन केंद्र और देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सार्वजनिक पुस्तकालय के उद्घाटन के बाद वहां मौजूद गणमान्य लोगों,छात्र-छात्राओं और विभिन्न वर्ग के लोगों को संबोधित करते कही।उन्होंने कहा कि खगड़िया नीति आयोग की महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है।शैक्षणिक संसाधनों के विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता के लिए पुस्तकालय की जरुरत पर बल देते हुए डीएम डॉक्टर घोष ने कहा कि उनकी कोशिश है कि खगड़िया के बच्चों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उचित माहौल मिले।उन्हें उचित मार्गदर्शन दिया जाए और तैयारी के लिए एक बेहतर साधन उपलब्ध कराई जाय।कैथी लिपि अध्ययन केंद्र के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में हैं।लेकिन इसके जानने वाले काफी कम रह गए हैं। ==================================== डीएम ने कहा कि कोई भी सभ्यता व संस्कृति तभी तक जीवन्तमान रहती है,जब तक उसकी भाषा और लिपि कायम रहे।राजस्व विभाग के बहुत सारे दस्तावेज कैथी भाषा में हैं।कैथी लिपि की जानकारी नहीं होने के कारण प्रशासनिक स्तर पर भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।उन्होंने उम्मीद जताई है कि कैथी लिपि अध्ययन केंद्र के माध्यम से लोगों के बीच इस लिपि के विभिन्न पहलुओं और इसके पढ़ने- लिखने की जानकारी पहुंचाई जा सकेगी।डीएम श्री घोष ने कहा कि वह अपने स्तर से भी लोगों से निवेदन करेंगे कि पढ़ी हुई पुस्तकें वह पुस्तकालय को दान दें और जिले में अनेक ऐसे पुस्तकालय खोले जाएं।इतना ही नहीं,उसका सफल संचालन भी किया जाए।डीएम श्री घोष ने नगर सभापति श्रीमति सीता कुमारी और पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव द्वारा शिक्षा और पुस्तकालय के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।कहा कि अच्छे जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही हमारा समाज आगे बढ़ और प्रगति कर सकता है।उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा सकता है।पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र में पार्क, कन्या उच्च विद्यालय की स्थापना के साथ-साथ देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पुस्तकालय की स्थापना में सहयोग तो दिया ही, कैथी लिपि अध्ययन केंद्र के लिए चित्रगुप्त महापरिवार की ओर से किए गए अनुरोध पर हरसंभव सहयोग की ठान ली है।उन्होंने पुस्तकालय विकास के लिए सहयोग करने का भरोसा दिलाया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चित्रगुप्त महापरिवार के अध्यक्ष अशोक नारायण कर्ण ने डीएम श्री घोष,नगर सभापति सीता कुमारी,पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव,नगर उपसभापति सुनील कुमार पटेल, कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार गुप्ता,डीएवी के पूर्व प्राचार्य चंद्रमणि सिंह,नगर परिषद सशक्त स्थाई समिति के सदस्य रणवीर कुमार, चंद्रशेखर कुमार आदि के प्रति आभार प्रकट किया।कार्यक्रम में उपसभापति सुनील कुमार पटेल ने भी अपना उद्गार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सह अधिवक्ता अजिताभ सिन्हा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन महापरिवार के महासचिव रविश चंद्र सिन्हा ने किया।मौके पर चित्रगुप्त महा परिवार के कोषाध्यक्ष सह वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश कुमार सिन्हा,अनिल कुमार सिन्हा, देशरत्न अम्बष्ट, नवीन कुमार सिन्हा,रंजीत कुमार सिन्हा, रंजीत कुमार सिंह,संजीव कुमार सिन्हा,राजीव प्रसाद उर्फ पिंकू बाबू आदि मौजूद थे। =====================================
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