खगड़िया एसपी अमितेश कुमार को अपनी जान का दुश्मन बताने वाले खगड़िया जिले के परबत्ता विधायक डॉक्टर संजीब को शायद इस बात का इल्म नहीं होगा,कि एक आईपीएस की दिमाग पर प्रहार करना,बहुत आसान नहीं होगा!आप जब चाहें,वही करा लें,आप भूल जाइए।हकीकत में आप चोर और महाचोर विधायक हैं,यह मैं प्रमाणित कर रहूंगा।राज्य सरकार द्वारा किसी भी आईपीएस या आईएस हों,अथवा और कोई पदाधिकारी,तबादला किया जा सकता है।लेकिन यह सबको यह पता है कि जनता ही सर्वोपरि है।चुनौती देता हूं,विधायक जी कि खगड़िया के डीएम या एसपी का आप तबादला करा के दिखा दीजिए।आपकी हर लूट योजना का हिसाब-किताब जब तक नहीं होगा,डीएम-एसपी यहां से नहीं जाएंगे। खैर! आज हम इस मुद्दे को लेकर नहीं आए हैं।बता दें कि मामला एम्बुलेंस का है।
जनप्रिय पप्पू यादव ने एम्बुलेंस का सवाल उठाया,तो बड़ी जलालत झेलनी पड़ रही है,उनको।राजीव प्रताप रुढ़ी को फंसता देखकर राज्य सरकार ने जो कदम उठाया,वह सर्वविदित है।लेकिन सवाल आज सरकारी विधायक से है कि आपके बाबूजी द्वारा खरीद किया गया ‘एेम्बुलेंस’ क्यों सड़ता रहा मानसी थाना परिसर में!कहने वाले तो साफ तौर पर कह रहे हैं कि इसी एम्बुलेंस से न केवल दारु,बल्कि माल भी ढ़ोया गया।अब हम उस बात की भी नहीं करेंगे,लेकिन यह बात जरुर कहूंगा कि आपके बाबूजी अर्थात पूर्व परिवहन मंत्री के निजी कोष से खरीदा गया यह एम्बुलेंस आपके बाबूजी अपने पॉकेट से खरीदे थे! पागल मत बनिए…यह खबर मेरा रिपोर्टर भेजा है और जान लीजिए कि,यह विशेष जात का नहीं है,आपका ही है और आपका खून पी रहा है।गुस्सा मत कीजिए! जान लीजिए कि,आज मैं खबर भी एडिट नहीं करुंगा,जो भेजा है मेरा रिपोर्टर भेजेगा। …………..… जिला तथा राज्य स्तर तक इस महामारी के दौरान एंबुलेंस के लिए मच रहे मारामारी के बीच परबत्ता अस्पताल का एक एंबुलेंस तीन महीना से मानसी थाना परिसर में जंग खाने के बाद टोचन कर के परबत्ता लाया गया। बताते चलें कि मार्च 2019 में तत्कालीन स्थानीय विधायक रामानंद प्रसाद सिंह की अनुशंसा से इस एंबुलेंस की खरीद की गई थी।जिसे परबत्ता अस्पताल में संचालित किया जा रहा था।इसके संचालन की जिम्मेदारी राधा रानी सेवा ट्रस्ट परबत्ता को दिया गया था।इसी वर्ष 26 फरवरी को इस ऐंबुलेंस से मानसी थाना क्षेत्र के ठाठा गांव के नजदीक सड़क दुर्घटना हो गई थी।उक्त दुर्घटना में ठाठा निवासी निरंजन यादव को गंभीर चोटें आई।जबकि एंबुलेंस चालक मानसी थाना के सामने एनएच 31 पर एंबुलेंस लगा कर भागने में सफल हो गया।घायल निरंजन यादव के भाई सुभाष यादव ने मानसी में इस ऐंबुलेंस के विरुद्ध थाना कांड संख्या 79/21 दर्ज कराया।तब से लेकर तीन महीने तक वह एंबुलेंस मानसी थाना परिसर में पड़ा हुआ रहा।जिला योजना पदाधिकारी खगड़िया के मालिकाना हक वाले इस एंबुलेंस को थाना से मुक्त कराने के लिए पर्याप्त पहल के अभाव में इस कोविड महामारी के बीच इस एंबुलेंस की सेवा परबत्ता अस्पताल के रोगियों को नहीं मिल पाया।
(दो वर्षों में भी नहीं हुआ था निबंधन)
परबत्ता अस्पताल के इस एंबुलेंस को थाना से मुक्त कराने में क्या परेशानी आ रही है इस बारे में पूछने पर पता चला कि मार्च 2019 में जब इस एंबुलेंस का लोकार्पण किया गया था तो उस समय तक देश में बीएस 4 वाहनों का निबंधन किया जा रहा था।लेकिन अगले एक वर्ष तक ना जिला प्रशासन ने तथा ना ही राधा रानी सेवा ट्रस्ट ने इसके पंजीकरण को लेकर कोई उपक्रम किया।एक अप्रैल 2020 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश में बी एस 4 वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दिया गया तथा यह एंबुलेंस बी एस 4 इंजन से आच्छादित था।इस वजह से आज तक यह बिना निबंधन के ही रह गया।मानसी थाना में दर्ज कराए गए प्रथमिकी में ना केवल दुर्घटना का आरोप लगाया गया है,बल्कि बिना नंबर वाली एंबुलेंस के द्वारा सड़क दुर्घटना होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।इस कारण से भी इसका बेल कराने में परेशानी आ रही है।
मानसी थाना में रखे रहने के दौरान जब पत्रकारों की टीम जब इस ऐंबुलेंस को देखने पहुँची तो इसमें विधानसभा चुनाव का प्रचार सामग्री रखा हुआ पाया गया।
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