*जाप युवा परिषद के जिलाध्यक्ष अभय कुमार गुड्डू ने आखिर क्यों कहा कि सुशासन की सरकार बन बैठी है मौत की सौदागर और आम लोगों से सरोकार नहीं रखने वाले डरपोक विधायक लिख रहे हैं चिट्ठी-पत्री!*
गौरव सिन्हा कोरोना ने कम से कम बिहार की सूरत जरुर बदल दी है।नीतीश सरकार के तमाम दावों के बाद भी सूबे में संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और लोगों के मौत के मुंह में असमय समाने का सिलसिला लगातार जारी है।इस बीच जन अधिकार पार्टी (लो.) युवा परिषद के खगड़िया जिलाध्यक्ष अभय कुमार गुड्डू ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार के सुशासन की सरकार मौत की सौदागर बन बैठी है। श्री गुड्डू ने कहा कि जिस राज्य में लोग दवाई और ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ रहे हों,उस सरकार को अविलंब गद्दी से उतर जाना चाहिए।उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी जैसे समय में लोग रुपए लेकर दवाई और ऑक्सीजन के लिए भटक रहे है।फिर भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।सरकार के संरक्षण में खुलेआम दवाई और ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है।श्री गुड्डू ने कहा है कि लोग भाग्य और भगवान के भरोसे जीने को विवश हो चुके हैं।खगड़िया जिला अंतर्गत गोगरी रेफरल अस्पताल के व्यवस्था की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा है कि बंदेहरा की एक मरीज को भर्ती कर ऑक्सीजन लगाया जाता है।लेकिन दस मिनट बाद ही अस्पताल प्रशासन द्वारा दूसरा मरीज आने पर उनका ऑक्सीजन खोलकर दूसरे मरीज को लगा दिया जाता है।जबकि उस मरीज को सांस लेने में काफी परेशानी हो रहा थी।उसका ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम था। परिजन लाख विनती करते रहे फिर भी एक न सुनी गई और उसका ऑक्सीजन दूसरे मरीज को लगा दिया हद तो यह कि उस मरीज को यह भी बोल दिया गया कि एम्बुलेंस खगड़िया गया है, आने पर तुम्हें रेफर किया जाएगा। तब तक भाग्य के भरोसे जिंदा रहने का प्रयास करो। *************************************************** श्री गुड्डू ने आक्रोशित लहजे में कहा कि बिहार में ऑक्सीजन सत्यनारायण भगवान का प्रसाद साबित हो गया है।प्रशासनिक पदाधिकारी एसी कमरे में बैठकर कोरोना की स्थिति का जायजा ले रहें हैं।उन्होंने विधायकों द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के ईलाज के बाबत यंत्र खरीदने हेतु दिए जा रही राशि पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सभी विधायक डरपोक हैं। उन्हें आमलोगों की जिंदगी से कोई लेना देना नहीं है।वर्तमान समय में लोगों को अस्पतालों में सहयोग की आवश्यकता है न कि चिट्ठी और पत्री की।जो विधायक चुनाव जीतने के लिए लोगों के पैर पकड़ते नहीं थकते थे, आज वह विधायक अस्पताल में परेशान लोगों को चेहरा दिखाना भी मुनासिब नहीं समझते हैं।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा है कि पिछले वर्ष भी पीएम केयर फंड में अरबों-खरबों रुपए जमा हुए थे,कहां हैं? उस रुपए से अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं की गई।स्थिति तो यह है कि सदर अस्पताल में वेंटिलेटर रखा हुआ है,उसे चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं है।उन्होंने सांसद व विधायकों से क्षेत्र के अस्पताल में बैठने का आग्रह किया,ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहयोग मिल सके। ****************************************************
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