कराटे का प्रशिक्षण पाते हुए युवतियां सीख रही हैं आत्मसुरक्षा का गुर, एसभीएम मार्शल आर्ट द्वारा वर्षों से युवक-युवतियों को नि:शुल्क दिया जा रहा प्रशिक्षण*
प्रवीण कुमार प्रियांशु इस मतलब की दुनिया में लोग जहां बिना आर्थिक लाभ के किसी की मदद तक नहीं करना चाहते हैं,वहीं समाज विकास मंच जलकौड़ा खगड़िया (बिहार) के सौजन्य से युवक-युवतियों को आत्म सुरक्षा,व्यायाम और खेल के दृष्टिकोण से नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है और यह सब हो रहा है एसभीएम मार्शल आर्ट के तत्वावधान में।
मंच के संयोजक ब्रज किशोर सहनी के साथ विशेष बात चीत के दौरान यह जानकारी मिली कि एसभीएम मार्शल आर्ट के बैनर तले पिछले कई वर्षों से युवक-युवतियों द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण लिया जा रहा है।इतना ही नहीं,यहां से प्रशिक्षित होने वाले युवक- युवतियों द्वारा बिहार खेल एवं कला संस्कृति युवा विभाग द्वारा आयोजित होने वाले वार्षिक कराटे प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया जाता रहा है।एसभीएम मार्शल आर्ट के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दर्जनों युवक एवं युवतियों ने जिला,राज्य एवं राष्ट्र स्तर तक का सफर कुशलतापूर्वक तय किया है।श्री सहनी कहते हैं कि 2018 में विक्रम कुमार एवं 2019 में अभिषेक कुमार ने जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर व बिहार राज्य के प्रतिनिधित्व हेतु चयनित होकर राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाया,जो जिला व राज्य के लिए गौरवपूर्ण रहा।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण सभी प्रकार की खेल प्रतियोगिता स्थगित है।नतीजतन सभी खिलाड़ियों के बीच मायूसी पसरी हुई है। बहुत सारे प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा निराश होकर खेल के क्षेत्र से काफी दूरी बना ली गई है,जो राष्ट्र के लिए काफी निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि जिला खेल विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष खेल व खिलाड़ियों के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई संसाधनों का गबन जिला के पदाधिकारियों द्वारा कर लिया जाता है,जो एक अभिशाप है।
जिला के सुदूर देहात क्षेत्र में अद्वितीय प्रतिभा के साधन विहीन युवाओं का मनोबल टूट जाता है,जिसे ससमय संसाधन एवं प्रोत्साहन की जरुरत है।श्री सहनी के मुताबिक जिसे पूर्ण करना जिला के सभी अधिकारी, पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगणों का कर्तव्य है।बावजूद इसके इस तरह की स्थिति चिंता का विषय है।
इधर प्रशिक्षक सेनसई अजय कुमार ने कहा कि कराटे का प्रशिक्षण हर वर्ग के युवाओं के लिए जरुरी है।वर्तमान समय में आत्म सुरक्षा के दृष्टिकोण से,खासकर लड़कियों के लिए अति महत्वपूर्ण भी है।उन्होंने सभी अभिभावकगणों से निवेदन करते हुए कहा है कि अपने परिवार की हरेक लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ कराटे का प्रशिक्षण जरुर दिलवायें। बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष आठवीं कक्षा से उपर वर्ग की छात्राओं के लिए एक महीने का कैम्प विद्यालय में लगवाया जाता है।यह एक जागरुकता है,कराटे का प्रशिक्षण पाने के लिए।
मंच द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों का स्तिथिनुसार समय-समय पर अगली चुनौतियों का सामना करने को ले कराटे प्रतियोगिता का आयोजन कर उन्हें तैयार किया जाता है।
दूसरी तरफ प्रशिक्षण ले रही गीता कुमारी ने कहा कि कराटे के प्रशिक्षण से हमारे अंदर एक अलग आत्मविश्वास जगा है।हमें शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूती भी मिलती है।इसलिए वह सभी युवतियों से अपील करती हैं कि आप जहां भी हैं,जैसे भी हैं।आत्मसुरक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण जरुर लें।व्यायाम एवं खेल के दृष्टिकोण से भी कराटे का प्रशिक्षण बेहद जरुरी है।
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