* राजेश सिन्हा/प्रवीण कुमार प्रियांशु
खगड़िया जिले के मुफ्फसिल थाना अंतर्गत भदास-सौरायडीह के समीप स्थित एक गड्ढ़े से सदर प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री सह जेडीयू सहकारिता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अशोक सहनी उर्फ मुन्ना सहनी की लाश आज सोमवार को बरामद किए जाते ही इलाके में सनसनी फैल गई।रविवार के दोपहर पूर्व से घात लगाए बैठे उनके प्रतिद्वंदियों द्वारा उनका अपहरण मुफस्सिल थाना अंतर्गत कोठिया गांव के समीप स्थित रेलवे ढाला के पास से कर लिया गया था।अपहरण के बाद से ही अशोक की पत्नी शिवानी देवी द्वारा चुनावी रंजिश के तहत अपहरण किए जाने की बात कहते हुए मत्स्यजीवी सहयोग समिति के पूर्व मंत्री सिकन्दर सहनी के पुत्र धर्मवीर सहनी के विरुद्ध घटना को अंजाम दिए जाने का आरोप लगाया जा रहा था।इतना ही नहीं,मंत्री के साथ बाइक ड्राइव कर रहे बबलू कुमार ने भी पुलिस को न केवल घटना की विस्तृत जानकारी दी थी बल्कि अशोक के अपहरणकर्ताओं का नाम भी बताया था।पुलिस के द्वारा त्वरित कार्रवाई की बात तो रात से ही की जा रही थी,लेकिन अंतत: अशोक की लाश मिली।लाश बरामदगी के बाद यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि मंत्री के साथ मारपीट की गई और पुलिसिया गतिविधियों के बीच गले में फंदा लगाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।लाश को ठिकाने लगाने के उद्धेश्य से भदास और सौरायडीह के बीच पानी भरे गड्ढ़े में फेंक दिया गया। •मछली का शिकार करने निकले थे अशोक• नगर थाना अंतर्गत बलुआही निवासी अशोक सहनी व्यवहारिक इंसान थे।पुलिस की नौकरी छोड़कर वह मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री पद को सुशोभित कर रहे थे।मौत के शिकार हुए मंत्री अशोक सहनी उर्फ मुन्ना सहनी के विषय में कहा जा रहा है कि वह बीते कुछ दिनों से लगातार शोभनी स्थित एक जलकर पर जा रहे थे।रविवार के अहले सुबह भी लाभगांव शोभनी गांव स्थित जलकर पर मछली की शिकार माही कर अपनी बाइक से वापस घर लौट रहे थे।घटना की जानकारी मिलते ही अशोक की पत्नी शिवानी देवी ने पुलिस कप्तान अमितेश कुमार से पति की सकुशल बरामदगी की गुहार लगाई थी।एसपी के आदेश पर मुफ्फसिल थाना,चित्रगुप्त नगर थाना व नगर थाना के साथ-साथ गंगौर ओपी पुलिस द्वारा जाल बिछाकर उनकी बरामदगी का प्रयास किया जा रहा था।लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
•सिकन्दर को शिकस्त देकर मंत्री बने थे अशोक•
घटना का वास्तविक कारण क्या है,यह तो नामजदों की गिरफ्तारी अथवा पुलिसिया जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 2017 से ही सिकन्दर सहनी और अशोक सहनी के बीच अदावत चल रही थी। दरअसल,मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रामटोला कोठिया गांव निवासी सिकन्दर सहनी को करारी शिकस्त देकर अशोक सहनी सदर प्रखंड के मंत्री बने थे।कहा जा रहा है कि चुनाव के बाद से ही आरोपी सिकन्दर सहनी के पुत्र धर्मवीर सहनी ने अशोक को टारगेट पर ले रखा था।कहा तो यह भी जा रहा है कि आगामी 2022में होने वाले मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव को लेकर आरोपियों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है।यह घटना एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।पुलिस अगर मामले की गहन जांच करे तो कई और हत्यारों का नाम सामने आना तय है।
•घटना को ले चर्चाओं का बाजार गर्म•
अशोक सहनी की लाश मिलने के बाद से ही इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।कह सकते हैं कि जितनी मुंह,उतनी बातें हो रही है।पत्नी शिवानी देवी के साथ साथ उनकी मां-पिता सहित तमाम परिजनों का हाल बेहाल है।रह-रहकर पत्नी शिवानी बेहोश हो जा रही है।होश में आते ही शिवानी कहने लगती है कि 10 बजे उनसे फोन पर बात हुई थी।उसके बाद लगभग 3 बजे उसे पति के अपहरण की सूचना मिली।मौत के शिकार हुए अशोक सहनी छोटे-छोटे चार बच्चों व पत्नी सहित माता-पिता को छोड़कर दुनिया से विदा हो गए।अशोक माता-पिता के इकलौते पुत्र थे।