खगड़िया जिले के पुलिस कप्तान अमितेश कुमार जहां तमाम मातहतों को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाना में लगे हैं।पुलिस-पब्लिक के बीच तारतम्य स्थापित कर अपराध नियंत्रण करने की जुगत एसपी श्री कुमार द्वारा लगातार लगाई जा रही है,वहीं रह-रहकर पुलिस जवान तो क्या,पुलिस पदाधिकारी भी कानून को ठेंगा दिखाने में लगे हैं।बात अलग है कि कर्तव्यपरायण एसपी के संज्ञान में मामला आते ही जांचोपरांत कार्रवाई की जाती रही है।कभी शराब के नशे में धुत्त दारोग़ा को जेल भेजने की कार्रवाई की जाती है,तो कभी पुलिस जवान को नशे की हालत में जेल भेज दिया गया।लापरवाही के आरोप में जिले के कई पुलिस पदाधिकारी व पुलिस जवानों पर गाज गिरने की बात भी किसी से छिपी नहीं है।तमाम बातों को कुछ देर के लिए नजरअंदाज कर अगर प्रकाश में आए ताजा मामले पर गौर करें तो अलौली प्रखंड अंतर्गत बहादुरपुर पिकेट क्षेत्र में ऐसी घटना घटी थी,जिस पर किसी को सहसा विश्वास नहीं हो सकेगा।मामला तो कुछ माह पुराना बताया जा रहा है, लेकिन सौ फीसदी सत्य बताया जा रहा है।एसडीएफ लाइव इंडिया वायरल तस्वीर के सत्यता की गारंटी नहीं देता है।लेकिन जानकारों की बातों पर अगर भरोसा करें,तो बहादुरपुर पिकेट अंतर्गत बुधौरा पंचायत के वार्ड नम्बर-09 परास टोला निवासी राजीव कुमार सिंह के लगभग 8 वर्षीय पुत्र करण कुमार की दर्दनाक मौत बीते 19 जून 2021 को छत से गिरने के कारण हो गई थी।हालांकि सूत्रों पर अगर भरोसा करें तो बालक की मौत का जिम्मेदार उसके मामा को बताया गया था।बावजूद इसके बहादुरपुर पिकेट प्रभारी अशोक कुमार सिंह द्वारा मौत के शिकार हुए बालक के दादा उमेश सिंह से मिलीभगत कर मोटी रकम के बल पर ना केवल चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था,बल्कि 3 दिनों तक सभी को बहादुरपुर पिकेट हाजत में रखकर शव का बिना पोस्टमार्टम कराए रात्रि के करीब 11:30 बजे दाह संस्कार कर दिया गया।जानकार बताते हैं कि अंधेरे में खुद की निगरानी में पिकेट प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने बालक के शव को जलाकर मामला को रफा-दफा कर दिया और परिजनों को धमकी देकर मामला को शांत कर दिया।वैसे पिकेट प्रभारी अशोक कुमार सिंह के इस काली करतूत की फोटो किसी ने कैमरे में कैद कर ली।वायरल तस्वीर में साफ दिख रहा है कि जलते शव के नजदीक पिकेट प्रभारी अशोक कुमार सिंह मोबाईल चलाते नजर आ रहे हैं।फिर स्पष्ट कर दूं कि इस वायरल फोटो को मैं प्रमाणित नहीं करता और ना ही स्पष्ट कह सकता हूं कि सच्चाई क्या है!जांच-पड़ताल करने के बाद ही पूरे मामले का पर्दाफ़ाश हो सकता है।फिलहाल इस मामले को लेकर परिजन भी कुछ बोलने से इंकार कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि परिजनों को पहले ही पिकेट प्रभारी ने डरा-धमकाकर और मोटी रकम लेकर मामले को शांत कर दिया था।स्थानीय लोगों के अनुसार यह घटना वास्तव में किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं है।कारण नौनिहाल की जान तो चली गयी, लेकिन उसके जान के बदले उसके परिजन ही इसमें शामिल हैं या फिर नहीं,इसके जांच-पड़ताल की जरुरत है।वायरल फोटो और सूत्रों से परिजनों का पता चलने के बाद परिजनों ने भी इस घटनाक्रम को स्वीकार किया।लेकिन बाद में मृतक के पिता राजीव कुमार सिंह के द्वारा मामला को शांत करने का प्रयास किये जाने का प्रयास किया गया।उन्होंने इस सम्बन्ध में कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है।मैं इस बात को भूला दिया हूं,आप भी मामले को भूला दीजिए।व्यथित पिता ने कहा कि पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार में संलिप्त है,अगर हम बात का खुलासा भी करें तो भी कुछ नहीं होगा।इससे साफ जाहिर होता है कि इस घटनाक्रम में पिकेट प्रभारी की भी संलिप्तता है।इधर बार-बार कोशिश के बाद भी पिकेट प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने अपना पक्ष रखना मुनासिब नहीं समझा।बहरहाल,मामले की वास्तविकता क्या है,यह तो जांचोपरांत जरुर स्पष्ट होना चाहिए ।
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कहीं किसी पदाधिकारी या नेता का किसी भी तरह का दिखे भ्रष्टाचार,तो मेरे वाट्सएप नंबर- 6200721661 पर मैटर,वीडियो और तस्वीर अवश्य डालें।खबर को प्राथमिकता मिलेगी।