युवती की संदेहास्पद अवस्था में मौत के बाद गोतिया ने शव को घर के पिछवाड़े ही बांस बिट्टी में घासलेट डालकर आनन-फानन में फूंका, माता पिता की गैर मौजूदगी में धू-धूकर जलती रही लाश,पुलिस बनी रही तमाशबीन
सुपौल।युवती की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई और घर वालों ने घर के पिछवाड़े स्थित बांसबिट्टी में घासलेट डालकर लाश को फूंक दिया।आश्चर्य का विषय तो यह है कि, ग्रामीणों की सूचना पर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची जरुर,लेकिन उधर लाश धू-धू कर जलती रही और पुलिस अपनी उपस्थिति के नाम पर खानापूर्ति करती रही।वाक्या है,जिले के छातापुर थाना अंतर्गत सोहटा पंचायत स्थित वार्ड नंबर एक का।
दरअसल बुधवार की सुबह एक युवती की संदेहास्पद अवस्था में मौत हो गई।अहले सुबह हुई मौत के बाद घरवालों ने आनन-फानन में शव को घर के पिछवाड़े ही घासलेट डालकर जलाना शुरु कर दिया।ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर थानाध्यक्ष मौके पर नहीं जाकर दरवाजे पर बैठ गए और परिवार वालों की मर्जी के अनुरुप तहरीर लिखते रहे।शव धू-धूकर जलने लगा।संदिग्ध अवस्था में मौत की शिकार हुई स्वाति कुमारी उर्फ स्वीटी चंडीगढ़ में कार्यरत खड़ग बहादुर सिंह की पुत्री बताई जा रही है।स्वीटी घर में भाई के साथ अकेली रहती थी।उसकी बहन अपने पति के साथ दो दिन पूर्व ही ससुराल से मायके आई थी।परिजनों का कहना था कि,2007में ही स्वीटी की माता का निधन हो गया था।दो-तीन दिनों से स्वीटी को दस्त हो रहा था।सुबह नींद से जगने पर चक्कर खाकर गिर गई और उसकी मौत हो गई।जब परिजनों से यह पूछा गया कि,स्वाति की दो-तीन दिनों से तबीयत खराब थी,तो किस डॉक्टर से ईलाज चल रहा था।परिजन मुंह ताकने लगे, क्योंकि परिजनों के पास कोई जवाब नहीं था।जब डॉक्टर का पर्ची दिखाने को कहा गया,तो सभी एक-दूसरे को देखने लगे।हालांकि ग्रामीण तरह-तरह की बातें करते दिखे।जितनी मुंह,उतनी बातें सुनने को मिली।
कहा जाने लगा कि,मंगलवार की रात चंद ऑटो चालकों ने खड़ग बहादुर सिंह के दरवाजे पर ऑटो खड़ी की थी।सुबह जब दरवाजे से ऑटो निकालने आए,तो युवती को लटका हुआ देखा गया।चर्चा इस बात की भी हो रही थी कि,युवती ने घरेलू दबाव से आजिज आकर आत्महत्या कर ली और उसके शव को आनन-फानन में घर के पिछवाड़े ही फूंक दिया गया।लोग तो चर्चा इस बात की भी कर रहे थे कि, गला दबाकर युवती की हत्या किए जाने के बाद उसे लटकाकर आत्महत्या का रुप दे दिया गया।स्थानीय लोगों ने ही बताया कि,पड़ोस के एक व्यक्ति अपने घर से पांच लीटर के गैलन में मिट्टी का तेल भर कर लाया और घर के पिछवाड़े स्थित बांस बिट्टी में युवती के शव पर उसे डालकर आनन-फानन में फूंक दिया गया।अब सवाल यह उठता है कि,मृतका के पिता जब चंडीगढ़ में कार्यरत हैं,तो फिर उनकी बेटी की लाश को आनन-फानन में क्यों फूंक दिया गया!युवती की माता का निधन 2007 में ही हो गया,तो फिर गोतिया के किस बयान को सही मानकर पुलिस ने शव को जलाने की इजाजत दे दी!उसमें भी तब,जब युवती के चाचा का आपराधिक इतिहास रहा है।इस मामले में पुलिस के द्वारा गहन पड़ताल किए जाने की जरुरत है।बात अलग है कि,पुलिस ही पूरे मामले को रफा-दफा करने की जल्दबाजी में है।फलाफल चाहे जो हो,लेकिन माता की जब पहले ही मौत हो गई है और पिता चंडीगढ़ में कार्यरत हैं।बावजूद इसके युवती की लाश को घर के पिछवाड़े ही आनन-फानन में घासलेट डालकर फूंक दिया जाना,कई सवालों को जन्म तो दे ही रहा है,युवती की मौत के इस मामले को संदेहास्पद भी जरुर बना रहा है!
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