आरा(मिथिलेश सिंह)।
29 वर्षों तक काल कोठरी में बंद रहने वाले भगवान के नाम आज कोर्ट से रिहाई का ऑर्डर पास हुआ और भक्तगण खुशी से झूम उठे।भारी संख्या में मौजूद भक्तों द्वारा उनकी विधिवत पूजा अर्चना करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली गई और पूरे इलाके का भ्रमण कराते हुए भगवान की मूर्ति को गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर में पुनः स्थापित कराने की तैयारी की जा रही है।यह सुनकर भले ही आपको अचरज लगे,लेकिन मामला है सौ प्रतिशत सत्य।दरअसल, आज से लगभग 29 साल पहले 29 मई 1994 को आरा के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्टधातु के भगवान हनुमान जी और संत बरबर स्वामी जी की मूर्ति की चोरी अज्ञात चोरों द्वारा कर ली गई थी।मंदिर के तत्कालीन पुजारी जनेश्वर द्विवेदी द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में अज्ञात चोरों के विरुद्ध मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
इस मामले का अनुसंधान चल ही रहा था कि,इसी क्रम में मंदिर से चोरी गई दोनों अष्टधातु के भगवान की मूर्तियों को 25 मई 1994 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित एक कुएं से पुलिस ने बरामद कर लिया और कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने में रख दिया गया।लंबे अर्से तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में यह केस डिस्पोजल हो गया और थाने के मालखाने में कैद भगवान को आखिरकार कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के बाद रिहा कर दिया गया।
भगवान की रिहाई के बाद भव्य शोभायात्रा निकालने में जुटे पूर्वी गुंडी पंचायत के मुखिया कृष्णा कुमार सिंह ने कहा कि,आज का दिन ऐतिहासिक है।एक तरफ रामनवमी का पर्व है वहीं दूसरी तरफ वर्षों बाद भगवान को मालखाना से मुक्ति मिली है।भगवान राम के भक्त हनुमान जी और संत बरहर स्वामी मालखाना से बाहर निकले हैं और अपने निर्धारित स्थल पर जा रहे हैं।आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह ने रिलीज आर्डर जारी किया था।भगवान की मूर्ति को रिलीज कराने में बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे के साथ-साथ ग्रामीणों का भी काफी सहयोग रहा है।कोर्ट से भगवान की रिहाई के आर्डर के बाद कृष्णागढ़ ओपी इंचार्ज ब्रजेश सिंह ने भगवान को मालखाना से विदा करते हुए कहा कि,काफी खुशी की बात है कि भगवान को मालखाने से बाहर निकालकर मंदिर में स्थापित किया जा रहा है।
भक्तगण अब भगवान का सीधा दर्शन कर सकेंगे और उनकी भव्य तरीके से पूजा-अर्चना की जाएगी।