खगड़िया/रेशु रंजन
ठंड के इस मौसम में भी खगड़िया का राजनीतिक तापमान काफी गर्म है।पंससों के बीच राजनीतिक रस्साकस्सी तेज होने के कारण कई प्रखंड प्रमुख की कुर्सियां डोलती नजर आ रही है।स्थिति यह है कि प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए विरोधी खेमा द्वारा जहां हर दांवपेंच अपनाया जा रहा है,वहीं प्रखंड प्रमुख का कुर्सी मोह मौजूदा प्रमुख को परेशान कर रखा है।अन्य प्रखंडों की बातों को कुछ देर के लिए अगर दरकिनार कर भी दें तो कम से कम अलौली,बेलदौर और चौथम प्रखंड प्रमुख की कुर्सी को लेकर राजनीतिक तूफान आया हुआ है।प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर विराजमान शख्सियत के साथ-साथ विरोधी खेमा द्वारा भले ही रुपये के लेन-देन की बातों को कबूल नहीं किया जा रहा हो, लेकिन विश्वस्त लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि पंचायत समिति सदस्यों को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए लक्ष्मी नारायण का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक तरफ जहां अलौली में प्रखंड प्रमुख नवीन कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है,वहीं बेलदौर प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी और उनके पुत्र की कार्यशैली से नाराज बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्यों ने भी बगावत का झंडा बुलंद करना शुरु कर दिया है।अलौली प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विशेष बैठक आहुत करने को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन तो दिया ही गया है,बेलदौर के 11 पंचायत समिति सदस्यों ने भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित करने का आग्रह किया है।पंचायत समिति सदस्यों ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी एवं खगड़िया के जिला पदाधिकारी को भी लिखित आवेदन दिया है।आक्रोशित पंससों का कहना है कि प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी विकास कार्यों के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।
पंचायत समिति सदस्यों के नाम योजना आवंटित करने में आनाकानी करती थी।उनके 2 साल का कार्यकाल पूरा हो गया,लेकिन किसी भी पंचायत क्षेत्र में किसी भी तरह का विकास नहीं हो पाया।विकास उस पंचायत में हुआ है,जहां प्रमुख को पीसी के नाम पर मोटी रकम मिली हो।जो पंचायत समिति सदस्य मोटी रकम नहीं दिए,उस पंचायत समिति सदस्य के क्षेत्र में किसी भी तरह की योजना प्रखंड प्रमुख के द्वारा नहीं चलायी गयी।
इतमादी के पंचायत समिति सदस्य मुनेश शर्मा,दिघौन के पंचायत समिति सदस्य मंसूर आलम,पचौत के पंचायत समिति सदस्य रविंद्र चौधरी,महिनाथनगर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य आनंद रंजन,सुमन भारती, कुसुम देवी,शीला देवी,अमृति कुमारी,रजनी देवी,प्रिया संगम तथा सोनी देवी ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से कहा है कि वर्तमान प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी के पुत्र अपनी मनमानी से योजना चलाते हैं।
बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायत में पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी तरह की योजना नहीं मिलने के कारण पंचायत क्षेत्र में विकास कार्य ठप है।नतीजतन पंचायत समिति सदस्यों को ग्रामीणों के द्वारा जलील किया जाता है।प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी के शिक्षक पुत्र संजय कुमार द्वारा मनमानी की जा रही थी।प्रखंड प्रमुख के पुत्र संजय कुमार उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुर्बन के सहायक शिक्षक बताए जा रहे हैं।इधर स्थानीय लोगों का भी कहना है कि प्रखंड प्रमुख के पुत्र शिक्षक रहने के बावजूद प्रमुख प्रतिनिधि के तौर पर काम करते थे।जिसके कारण पंचायत समिति सदस्यों में आक्रोश बना हुआ है।
कमोवेश यही स्थिति चौथम प्रखंड की भी है।प्रखंड प्रमुख की कुर्सी को लेकर तरह-तरह की राजनीतिक कसरत की जा रही है।कह सकते हैं कि चौथम प्रखंड प्रमुख की कुर्सी को लेकर अजब तरह का घमासान जारी है।कभी वर्तमान प्रखंड प्रमुख शोभा देवी का पलड़ा भारी नजर आता है तो कभी उनका विरोधी पक्ष मजबूत नजर आता है।शह और मात के खेल में अंततः कौन बाजीगर साबित होंगे,यह तो अविश्वास प्रस्ताव पर बहस या उसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद ही स्पष्ट होगा,लेकिन जानकारों का कहना है कि शोभा देवी के राजनीतिक किला को ध्वस्त करने में कई महारथी लग गए हैं।वैसे जोड़ तोड़ की राजनीति में माहिर प्रखंड प्रमुख के पुत्र प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि चंदन सिंह किसी भी कीमत पर प्रखंड की सत्ता अपने हाथ से जाने देना नहीं चाह रहे हैं।
राजनीतिक उठा पटक के बीच कुछ दिनों पूर्व एक पंचायत समिति सदस्य के अपहरण का भी मामला सामने आया था और कुछ दिनों तक यह मामला सोशल मीडिया पर छाया भी रहा था।पंचायत समिति सदस्य गोविन्द कुमार,मुरारी सिंह,सोनी कुमारी, मंजू देवी,रामप्रीत कुमार,रेणु कुमारी,गुरिया कुमारी और श्यामसुंदर राम के द्वारा बेलदौर के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित करने की गुजारिश की गयी है।वैसे अगर नियम पर गौर किया जाय तो प्रखंड प्रमुख को ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने को लेकर आवेदन देना चाहिए था।प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी मोहम्मद मिनहाज अहमद ने पूरे नियम को रेखांकित भी किया है।उन्होंने एसडीएफ लाइव इंडिया से खास बातचीत में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दिया गया आवेदन नियमावली संलग्न करते हुए प्रखंड प्रमुख को रिसीव करा दिया गया है।नियमानुसार पंससों के नाम नोटिस जारी कर पन्द्रह दिनों के अंदर बैठक करना होगा।अगर प्रखंड प्रमुख द्वारा बैठक नहीं बुलाया जाती है तो उपप्रमुख बैठक आयोजित कर सकते हैं बावजूद इसके अगर नियम के अनुसार बैठक आयोजित नहीं की जाती है तो आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
बहरहाल,पंससों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने को लेकर कसरत शुरु किए जाते ही तीनों प्रखंड क्षेत्र का राजनीतिक पारा चढ़ गया है और कयासबाजियों का दौर जारी हो गया है।अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता है क्या?