तमाम तिकड़म के बाद भी ‘भंवर’ में NDAऔर बीमा भारती की नैया!
पूर्णिया:गरीब और जरुरतमंदों के रहनुमा कहे जाने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की जनता इस बार कितना पसंद कर रही है,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि,अब राजद के युवराज तेजस्वी यादव ने भी चुनावी सभा में कहना शुरु कर दिया है कि या तो बीमा भारती को चुनो या एनडीए को चुन लो।मतलब साफ है कि, चुनावी अखाड़े में भिड़ंत होने से पहले ही बीमा भारती पछाड़ खा चुकी हैं और अपनी सहित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रतिष्ठा बचाने के लिए तेजस्वी निम्न स्तरीय दांव खेलने को मजबूर हो गए हैं।निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को बीजेपी का एजेंट बताने वाले तेजस्वी यादव के बदले सुर को लेकर सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
दरअसल,पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल सिमरिया में आज सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी बीमा भारती के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे।महागठबंधन के नेताओं को भरोसा था कि तेजस्वी को सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ेगी।लेकिन ऐसा हुआ नहीं और जब उन्हें यह लग गया कि पूर्णिया की जनता का इरादा क्या है तो वह अपना विवेक इस कदर खो बैठे कि एनडीए का सुमिरन करने लगे।तेजस्वी का बयान सुनते ही इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
मोहम्मद इस्लाम,नूर आलम, मोहम्मद सबीर,इम्तियाज,बिनोद यादव,अर्जुन महतो,ग्यासउद्दीन सहित कोढ़ा विधानसभा के सैकड़ों लोगों ने कहा कि लालू-तेजस्वी या बिहार के सीएम नीतीश कुमार सहित एनडीए के कोई भी नेता चाहे जो कुछ भी कह लें।इस बार पूर्णिया के लोगों की प्रतिष्ठा का सवाल है।वैसे भी नए मतदाताओं को अगर छोड़ दें,तो शायद सबको पता है कि लालू-राबड़ी राज में बिहार की क्या हालत थी!इसीलिए वह लोग पहले से ही महागठबंधन या यूं कहें कि राजद के विरोधी रहे हैं।
पूर्णिया के मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा की कार्यशैली से वह लोग नाराज हैं,लेकिन चाहते हैं कि देश में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बने।बावजूद इसके वह लोग पप्पू यादव के पक्ष में इसीलिए गोलबंद हैं,क्योंकि उनके सामने ना ही बीमा भारती टिक सकती हैं और ना ही संतोष कुशवाहा पप्पू यादव पर भारी पड़ सकते हैं।
पप्पू यादव ने लगभग एक साल से अभियान चलाकर पूर्णिया लोकसभा के लोगों में इतनी जगह बना ली है,जिसे निकाल पाना कठिन ही नहीं असंभव है।पप्पू यादव के पहले के कार्यकाल को लेकर भी लोग चर्चा कर रहे हैं और अधिकांश मतदाताओं की चाहत है कि किसी भी कीमत पर इस बार पप्पू यादव ही पूर्णिया के सांसद बनें।इस बार के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद पप्पू यादव जितने आह्लादित होंगे,उससे अधिक वह लोग गौरवान्वित होंगे।
सिमरिया में आयोजित चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने यह कहकर भी लोगों को पप्पू यादव के प्रति समर्पित कर दिया है कि यह चुनाव किसी व्यक्ति विशेष का चुनाव नहीं है।यहां दो धड़े का चुनाव हो रहा है।एक तरफ इंडिया गठबंधन है तो दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन है।अगर बीमा भारती को नहीं चुनना है तो एनडीए को चुन लो।
कोढ़ा विधानसभा के सैकड़ों लोगों का कहना है कि,सिमरिया जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में अपेक्षित भीड़ नहीं देखकर जब तेजस्वी यादव को लग गया कि पूर्णिया में चाहे वह जितना भी जोड़ लगा लें,लेकिन जीत आखिरकार पप्पू यादव की ही होनी है,तब उन्होंने अंतिम दांव के तौर पर ऐसा कहकर लोगों को भरमाने की कोशिश की।लेकिन ऐसा नहीं है कि,वह बाप-बेटे जब जैसा कहेंगे,वैसा ही लोग करेंगे।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि,कभी अपने आपको राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण लालू यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव राजनीतिक मझधार में धकेलने की जितनी कोशिशें करते गए, उतना ही उनका बल बढ़ता गया और वर्तमान समय में उनकी स्थिति यह है कि जातीय और दलीय बंधन को तोड़कर पूर्णिया लोकसभा का लगभग हर तबका उनके साथ मजबूती के साथ खड़ा नजर आ रहा है।
कांग्रेस का प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से साथ नहीं मिलने के बाद भी जनता के बल पर पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में दहाड़ रहे पप्पू यादव का सीना उस समय थोड़ा और मजबूत हो गया,जब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव का उन्हें साथ मिल गया।
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में एनडीए समर्थित जदयू के मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा,जदयू छोड़कर राजद में आयी रुपौली विधायक बीमा भारती और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाग्य आजमा रहे पप्पू यादव में से किनके नसीब में जीत लिखी है,यह तो आगामी 26अप्रैल को मतदाता तय कर ही देंगे,लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि अपने आपमें ताकतवर कहे जाने गरीब और जरुरतमंदों के रहनुमा पप्पू यादव को स्वजातीय समाज के दूसरे कद्दावर नेता का समर्थन व सहयोग प्राप्त होने से उनका उत्साह दूना हो गया है।
इस तरह की स्थिति देखकर न केवल राजद उम्मीदवार बीमा भारती की बचैनी बढ़ ही गयी है,बल्कि एंटी इनकंबेंसी से जूझ रहे जदयू प्रत्याशी निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा की सांसें भी फूलने लगी हैं।
बात अलग है कि बीमा भारती के लिए तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ-साथ पूरा राजद परिवार जोर लगाये हुए है।तेजस्वी के बाद लालू प्रसाद यादव की भी चुनावी सभा होने वाली है।इतना ही नहीं, पप्पू यादव की पत्नी कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन भी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बीमा भारती के पक्ष में अभियान चलाने वाली हैं।
जबकि पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप का विलय कांग्रेस में पहले ही यह सोचकर कर दिया था कि महागठबंधन की ओर से उनके लिए पूर्णिया की सीट सुरक्षित हो जाएगी।लेकिन राजद की ओर से पप्पू का मनोबल तोड़ने के लिए जदयू की रुपौली विधायक बीमा भारती को खड़ा कर दिया गया।
पूर्णिया को अपनी मां बताकर वहीं से चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े पप्पू यादव की राजनीतिक तौर पर हत्या करने की कोशिश में लगे लालू-तेजस्वी को लगा कि माय समीकरण उनके साथ है ही, बीमा भारती के कारण अति पिछड़ा का भी वोट उनकी ओर शिफ्ट कर जाना तय है।
बावजूद इसके राजद खेमे में अब भी इत्मीनान देखने को नहीं मिल रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कमोवेश यही स्थिति एनडीए की भी है।संतोष कुशवाहा के लिए प्रधानमंत्री तक पूर्णिया पधार चुके हैं।पीएम मोदी की सभा में अपार भीड़ दिखी और भीड़ में मौजूद लोगों ने उनका जयकारा लगाते हुए संतोष कुशवाहा को जीताने का भरोसा भी दिलाया।
पूर्णिया में आयोजित चुनावी सभा में अपार भीड़ देखकर गदगद हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा सीमांचल बिहार का संवेदनशील इलाका है।वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोगों ने यहां अवैध घुसपैठ कराकर सुरक्षा पर दांव लगाने का काम किया है।देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले हर तत्व पर सरकार की नजर है।चार जून का परिणाम इसी सीमांचल की सुरक्षा तय करेगा।जो लोग राजनीतिक फायदे के लिए सीएए का विरोध कर रहे हैं,वो एक बात जान लें कि ये मोदी न डरने वाला है और न झुकने वाला है।
पहले यहां जंगलराज ही नहीं महा जंगलराज चल रहा था।बड़ी मुश्किल से नीतीश जी के नेतृत्व में हमलोगों ने उस दौर को बदला है।इन लोगों का एक ही एजेंडा है भ्रष्टाचार और लूट।मेहनत जनता करे और मलाई राजद वाले खाए।
मोदी के रहते ये मुमकिन नहीं है।भ्रष्टाचार के ठिकाने को बचाने के लिए वो एकजुट हो रहे हैं।अगले पांच साल में भ्रष्टाचार के खिलाफ और बड़ी कार्रवाई होगी।कह सकते हैं कि सीएम नीतीश कुमार के रोड शो सहित एनडीए के अन्य वरिष्ठ व प्रभावशाली नेताओं की सभा से संतोष कुशवाहा के पक्ष में हवा बदली तो जरुर है,इसके बावजूद भी उन्हें सुकून की सांस नहीं मिल रही है।
क्षेत्र के लोगों की बातों पर अगर यकीन करें तो एनडीए और महागठबंधन की ओर से संतोष कुशवाहा तथा बीमा भारती के पक्ष में जितनी कोशिश की जा रही है,इतनी ही मजबूती के साथ पप्पू यादव के निर्दलीय शमियाने में इत्मीनान और सुकून आराम फरमा रहे हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि पप्पू यादव ने अपने अभियान से लोगों के लिए तमाम ‘सुख-सुविधाएं, उपलब्ध करा रखी है।ऐसे हालात में एनडीए या राजद के शामियाने की ओर वे ताकझांक क्यों करें?
वैसे भी,रोकर हो या फिर गाकर,पप्पू यादव अवसरों को अपने अनुकूल बना लेने में काफी माहिर माने जाते हैं और उसी के अनुरुप पूर्णिया में भी वैसा कर रहे हैं,जिससे जनता का झुकाव उनकी तरफ बढ़ता चला जाय।
पूरे रमज़ान के दरम्यान रोजेदारों व नमाजियों के बीच ही नहीं, मस्जिदों,मकतबों और मदरसों में भी हाजिरी लगाना पप्पू यादव का चुनावी मकसद ही कह दिया जाय,लेकिन ईद मुबारक के मौके पर वह न केवल गांव-गांव, मुहल्ले-मुहल्ले जाकर गले मिले, बल्कि उसी दिन आदिवासियों के त्योहार पर उनके बीच जाकर उन्होंने साथ में नाच-गाकर खुशियां भी मनायी।
पप्पू यादव को समझने और परखने की कोशिश करते रहे उनके करीबियों का कहना है कि पप्पू यादव में यह सबसे बड़ी खूबी है कि प्रतिकूल परिस्थितियों को भी वह अपने अनुकूल बना लेते हैं।
वैसे,कुछ दिनों पूर्व मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने कहा था कि उनकी हत्या की बड़ी साजिश रची जा रही है।इसके तहत पहले उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा छीन ली गयी।फिर चौतरफा राजनीतिक साजिश के तहत उनकी पार्टी समाप्त करा दी गयी।चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवारी से वंचित करा दिया गया।अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे हैं तो प्रशासनिक महकमा अकारण उन्हें परेशान करने में लगा है।जीत के प्रति आश्वस्त दिखने वाले लहजे में उन्होंने कहा था कि चुनाव में पूर्णिया की जनता एक साथ सबको सबक सिखा देगी।
बहरहाल,आगामी 26अप्रैल को पूर्णिया संसदीय क्षेत्र की जनता किन पर भरोसा कर उन्हें लोकसभा भेजने की टिकट पर मुहर लगाएगी,यह तो चार जून को स्पष्ट हो ही जाएगा,लेकिन इतना तो तय है कि पप्पू यादव ने अकेले दम पर शासन-प्रशासन सहित एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं को गर्मी के इस मौसम में ठंड का एहसास करा दिया है।अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता है क्या?
एसडीएफ न्यूज ब्यूरो