खगड़िया(गौरव सिन्हा)।
जलवायु परिवर्तन के कारण जहां एक ओर फसलों पर व्यापक असर पड़ रहा है वहीं पैदावार भी घटता जा रहा है।इतना ही नहीं,किसानों को सिचाई की समुचित सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनकी लागत पूंजी बढ़ती जा रही है।उक्त बातें किसान नेता धीरेंद्र सिंह टुडू ने खगड़िया के जिला अधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष से मिलकर किसानों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए कही।बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने जिला अधिकारी के समक्ष किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को रखते हुए कहा कि,जिले के 181 राजकीय नलकूपों में से महज 23नल कूप ही चालू हालत में हैं। लेकिन विभागीय तौर पर जिले में 80 नलकूप के चालू होने का दावा किया जा रहा है।
किसान नेता श्री टुडू ने कहा कि,बभनगामा,बछौता,सैदपुर, अमनी,गंगौर,राजाजान,बलहा,लाभगांव,जहांगीरा आदि पंचायतों में नलकूप की मरम्मति और उसे चालू करने के नाम पर विभागीय कनीय अभियंता द्वारा घोर धांधली बरती गई है।खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।कहीं मोटर धंस गया है,तो कहीं दीवाल और पाइप फट गया है।किसान पंप सेट पर निर्भर हैं।जिससे खेती में लागत पूंजी बढ़ा रही है।चालू और बंद पंप की जांच किए जाने की मांग करते हुए किसान नेता श्री टुडू ने जिलाधिकारी से यह भी कहा कि,जिले के किसान नदी के कटाव और जल जमाव से त्रस्त हैं।अलौली प्रखंड अंतर्गत संतोष स्लुइस के आगे बालू का गाद शिल्ट होने से डेड बागमती और चनहा नदी का पानी समय पर नहीं निकल पाता है।जिसके कारण जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है।उन्होंने कहा कि, चौथम प्रखंड के समीप से प्रवाहित होने वाली डेड घघरी नदी (खेसरा 2612)में बालू,मिट्टी और गाद जमा होने से जल बहाव का श्रोत बंद हो गया है।जिससे बागमती नदी में तीव्र धारा उत्पन्न होने से किसानों के गांव-घर के साथ-साथ उनकी उपजाऊ भूमि में कटाव तो हो ही रहा है,नदी का गाद भी समा रहा है।किसान नेता श्री टुडू ने जल-जमाव एवं कटाव से मुक्ति के लिए मृतप्राय घघरी नदी तथा संतोष स्लुइस के आगे जमे बालू व गाद हटाने,उड़ाही कराने की मांग जिला अधिकारी से की है।शिष्टमंडल में मुकेश कुमार,आशीष कुमार,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल कुमार यादव आदि शामिल थे।