खगड़िया(इंदु प्रभा)।
बिहार के जाने माने वरिष्ठ नाटककार हृषिकेश सुलभ सहित लोक संगीत के लिए लोक गायिका रंजना कुमारी झा,उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के लिए सुदीपा घोष, वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार तथा गणेश प्रसाद सिन्हा को संगीत नाटक अकादमी,नई दिल्ली की ओर से”अमृत पुरस्कार” मिलने की घोषणा पर खुशी का इजहार करते हुए बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया से कहा कि, नाटककार हृषिकेश सुलभ साहित्य जगत के जाने माने नाम हैं।
उन्होंने धरती आवा, बटोही,तूती की आवाज,तीन रंग नाटक,रंगमंच का जनतंत्र सहित कई कहानियां व नाटक लिखी है।डॉ वर्मा ने बीते हुए पल की दास्तान सुनते हुए कहा कि,हृषकेश सुलभ जी से मेरी पहली मुलाकात जमुई के अजंता आर्ट प्रेस में 1975 को हुई थी,तब जब मेरी साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका “कला संगम” छप रही थी, पत्रिका का संपादक व मुद्रक मैं ही था।उस समय “कला संगम” पत्रिका का मूल्य था मात्र 0.75 पैसा।उसी प्रेस से हृषिकेष सुलभ की भी साहित्यिक पत्रिका”गोधूली” छप रही थी।वहीं से पहली मुलाकात मित्रता में बदल गई।कई बार पूर्वी लोहानीपुर पटना स्थित उनके निवास पर जाना आना,खाना पीना हुआ।उनके माता पिता का भी मुझे उस दौरान आशीर्वाद भी मिला।कालांतर में हृषिकेश सुलभ की नौकरी भारत सरकार के “आकाशवाणी” में हुई और मेरी नौकरी भारत सरकार के “भारतीय डाक विभाग” में हुई। नौकरी के साथ साथ हम दोनों साहित्यिक लेखन का कार्य करते रहे।अवकाश ग्रहण करने के बाद भी हम दोनों का लेखन कार्य जारी है।डॉ वर्मा ने अपने मित्र हृषिकेश सुलभ को संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली द्वारा “अमृत पुरस्कार” दिए जाने की घोषणा पत्र हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
डॉ वर्मा ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की।डॉ अरविन्द वर्मा ने अपने संपादकत्व में दिसंबर 1975 को प्रकाशित पत्रिका “कला संगम” की पुरानी प्रति अवलोकनार्थ मीडिया के समक्ष रखा, जिसमें प्रकाशित सामग्रियों से मीडियाकर्मी अवगत हुए।