खगड़िया(राजकमल)।
दर्जनों महिलाओं को बेवा बना चुके कोशी क्षेत्र के कुख्यात अपराधी खगड़िया जिले के बेलदौर थाना अंतर्गत चोढ़ली गांव निवासी मोहम्मद इबरार उर्फ इबो मियां की गिरफ्तारी की खबर सुनकर कई घरों में राहत और सुकून का माहौल है।हालांकि इबो मियां के साथ दो अन्य अपराधियों की भी गिरफ्तारी हुई है,लेकिन जैसे ही लोगों को यह खबर मिली कि,इबो मियां एसटीएफ और खगड़िया जिला पुलिस के द्वारा संयुक्त अभियान के दौरान दबोच लिया गया है,वैसे ही लोगों के बीच एक अलग तरह का सुकून देखने को मिल रहा है।
बीते बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़े तीन कुख्यात अपराधियों सहित एक शराबी को न्यायिक हिरासत में भेज तो दिया गया है,लेकिन खासे चर्चा इबो मियां की है।वैसे बीते बुधवार को एसटीएफ एवं स्थानीय पुलिस को इन अपराधियों को गिरफ्तार करने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा।बेलदौर थाना क्षेत्र के इतमादी बहियार में डेरा जमाए अपराधियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई।मुठभेड़ के बाद समर्पण करने वाले अपराधियों को एसटीएफ एवं स्थानीय पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार एवं गोलियों के साथ दबोच लिया।चोढ़ली गांव निवासी मोहम्मद इबरार उर्फ इबो मियां के साथ दो अन्य अपराधियों की कुंडली तो खंगाली जा रही है, लेकिन मोहम्मद इबरार उर्फ इबो मियां के गिरफ्तारी की खासे चर्चा है।इबो मियां के विरुद्ध बेलदौर थाना, आलमनगर थाना,गोगरी थाना एवं पसराहा थाना में कई मामले दर्ज हैं।कई हत्याकांडों को अंजाम देने वाला इबो मियां लोगों के सुख-चैन के बीच बाधक था।इबो मियां की खंगाली गई कुंडली के बीच जो बातें अभी तक सामने आयी है,उसके मुताबिक बेलदौर थाना कांड संख्या 43/ 04 ,144/11, 80/ 2003, 53/ 2006, 47 / 2006,85 /2005 एवं 327 / 2020 के मामले में वह मुख्य आरोपी बताया गया है।स्थानीय लोग कहते तो हैं,लेकिन दबी जुबां में।
कहते हैं कि,इबो मियां ने दर्जनों महिलाओं को सुहागिन से विधवा बना दिया।स्थानीय लोग कहते हैं कि,चोढ़ली पंचायत की पूर्व मुखिया के पति मोहम्मद कोसर को पंचायत के दौरान ही इबो मियां के द्वारा गोली मारकर मौत की नींद सुला दी गई थी।वैसे उक्त अपराधी इबरार मियां उर्फ इबो ने अपने शागिर्दों के साथ 2007 में चौथम थाना में आत्मसमर्पण किया था।उसके बाद कुछ दिनों तक उक्त अपराधी ने सामान्य जीवन गुजर-बसर किया,लेकिन 2020 में चोढ़ली पंचायत की मुखिया के पति मोहम्मद कौसर को पंचायत के दौरान ही गोली मारकर हत्या कर दी।उसके बाद से इबरार फरारी जीवन जीने लगा।कई बार स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा गिरफ्तारी करने के लिए छापामारी की गई,लेकिन पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो जाता था।